पड़ा रहा वही कई वर्षो तक एक दिन कसमसा के ऊठा पड़ा रहा वही कई वर्षो तक एक दिन कसमसा के ऊठा
जिसमें रामदीन लकड़हारा रामदीन की जगह पेड़ों का संरक्षक रामदीन बन गया था। जिसमें रामदीन लकड़हारा रामदीन की जगह पेड़ों का संरक्षक रामदीन बन गया था।
अब मैं ये सोचने को मजबूर हो गया कि इन दोनों में पशु कौन है? अब मैं ये सोचने को मजबूर हो गया कि इन दोनों में पशु कौन है?
नदी के किनारे खड़ा होकर वह फूट-फूटकर रोने लगा। नदी के किनारे खड़ा होकर वह फूट-फूटकर रोने लगा।
कभी-कभी मुझे पानी भी पिलाते थे और ध्यान रखते थे कभी-कभी मुझे पानी भी पिलाते थे और ध्यान रखते थे
एक ओर पति की बेवफाई का दुख तो दूसरी ओर समाज से मिले तानों-उलाहनों ने उसे तोड़कर रख दिया एक ओर पति की बेवफाई का दुख तो दूसरी ओर समाज से मिले तानों-उलाहनों ने उसे तोड़कर र...