रूह तक फिर आनंद आयेगा सुबह का भूला शाम को कब आयेगा। रूह तक फिर आनंद आयेगा सुबह का भूला शाम को कब आयेगा।
एक बेनाम रिश्ते को निभाने के लिए एक गैंगस्टर को खत्म करके उसी दिली राहत थी। एक बेनाम रिश्ते को निभाने के लिए एक गैंगस्टर को खत्म करके उसी दिली राहत थी।
"हां एक अनुमान के मुताबिक देश जितने दिन बंद रहा उतने साल पीछे चला गया।'' "हां एक अनुमान के मुताबिक देश जितने दिन बंद रहा उतने साल पीछे चला गया।''
वो कहते हैं ना- उनसे मोहब्बत कमाल की होती है... जिनसे मिलना मुकद्दर में नहीं होता... वो कहते हैं ना- उनसे मोहब्बत कमाल की होती है... जिनसे मिलना मुकद्दर में नहीं ह...