Padma Agrawal

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विदेश यात्रा भाग 7

विदेश यात्रा भाग 7

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अवनी का मन भी वेस्टर्न ड्रेसेज पहनने का होता था , पार्लर जाने की इच्छा होती थी लेकिन मन ही मन फिजूलखर्ची हो जाने की सोच रहती थी और भारतीय नारी बनने का भूत भी सवार रहता था . यदि हर्ष कहते तो वह अनसुना कर देती .......


परंतु आज नलिनी जी के कमेंट ने उनके दिल में हलचल पैदा कर दी थी .... उसने मन ही मन पॉर्लर जाने का निश्चय कर लिया था .... वह छुट्टी के बाद घर के लिये निकल रही थी कि तभी उसकी निगाह प्रिंसिपल सर के ऑफिस की ओर पड़ गई थी .... पर्दे के पीछे से नलिनी जी की हँस हंस कर सर से बातें करने की आवाज आ रही थी ... जाने क्यों अवनी के मन में शक पैदा हो गया था कि नलिनी जी उसके संग कोई गेम खेल रहीं हैं ... उसका मूड खराब हो गया था .... जब हर्ष ऑफिस से आये और उसको उदास देख कर समझ गये कि कहीं कुछ गड़बड़ है ... उन्होंने उससे उसकी उदासी का कारण पूछा तो वह उनसे लिपट कर सिसक पड़ी ....

‘क्या हुआ ?’

“कुछ नहीं .... मुझे ऐसा लग रहा है कि नलिनी जी सर के साथ मिल कर कुछ चक्कर चला रही हैं ....”

“चलो , आज तुम्हें शॉपिंग करवा दूँ ..”

“नहीं, हर्ष मुझे कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है ....”

अवनी का पॉसपोर्ट बन कर आ गया था ... वह प्रिंसिपल सर के ऑफिस में गई तो अपने मन में यह सोच लिया था कि वह आज साफ साफ पूछ लेगी कि उसका ऑर्टिकल सेलेक्ट भी हुआ है या फिर सारी केवल हवा हवाई बातॆं हैं .....

सर ने उसे बैठने को कहा , फिर कॉफी मंगवाई और उससे कहा कि परेशान होने की जरा भी जरूरत नहीं है क्यों कि उसका ऑर्टिकल ही सेलेक्ट किया गया है .... “हाँ , अभी वहाँ से कन्फर्मेशन का मेल नहीं आया है” ...” शॉपिंग वगैरह कर लो बहुत जल्दी वीसा इंटरव्यू के लिये दिल्ली जाना होगा .... “

उस दिन अवनी के तो मानों पंख ही निकल आये हों ... वह बहुत खुश थी ... उसके सिर से मानों कोई बड़ा बोझ उतर गया हो और साथ ही उसका मन भी हल्का हो गया था .....

वह मन ही मन विदेश यात्रा के सपने बुनती रहती .... हर्ष ने फटाफट लिस्ट का सारा सामान खरीद दिया था

स्टाफ रूम में उसके जर्मनी जाने वाली बात फैल गई थी , इसलिये उसकी पहली विदेश यात्रा के लिये मौके मौके पर उसे बधाई मिलने लग गई थी .... सर की बातों के बाद उसके मन की ऊहापोह विश्वास में बदल गई थी ....

उसने हर्ष को फोन किया कि आज वह पार्लर जा रही है , इसलिये उसे आने में देर हो जायेगी .... विदेश यात्रा की कल्पना से  उसका दिल बल्लियों उछल रहा था ... उसने पार्लर में अपना बाल माडर्न स्टाइल में कटवा कर के सेट करवाये ....आइने में अपने अक्स को देख कर वह स्वयं शर्मा उठी थी ... उसने अपने लिये शर्ट और ट्राउजर और स्कर्ट टॉप भी खरीदा ....

जब वह नजरें झुका कर शर्माई हुई घर पहुँची तो हर्ष की प्रतिक्रिया क्या होगी सोच कर मन ही मन डर रही थी परंतु हर्ष तो उसको अपलक निहारता ही रह गया .... वह तो पलक झपकाना ही भूल गया था .... फिर उसने प्यार से उसे अपने बाहों में भर लिया था .... “बहुत प्यारी लग रही हो ... तुम्हारी नजर तो उतार दूँ “कह कर एक प्यारा सा चुम्बन उसके गालों पर अंकित कर दिया था .....

अगले दिन जब अवनी नये हेयरस्टाइल और ट्राउजर शर्ट में स्कूल पहुँची तो सब उसे देखते ही रह गये थे ....

“अवनी , तूने तो विदेश जाने के चक्कर में अपना पूरा स्टाइल ही बदल डाला ....” प्रिया बोली थी

वह स्टाफ रूम से निकल कर क्लास लेने जा रही थी तभी प्रिंसिपल सर राउंड लेते हुए मिल गये तो वह गुड मॉर्निंग सर कह कर जा रही थी कि वह उसकी ओर गहरी निगाहों से देखते हुए बोले , “मेरे रूम में आइयेगा , आपसे कुछ जरूरी बात करनी है “.

                                    



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