वापसी .

वापसी .

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हमारा बीता हुआ वक्त हमे बहुत कुछ सिखाता है या तो अच्छी यादें होती है या फिर बुरी पर यादें हमेशा जिंदा रहती है हमारे दिल में। बुरा वक्त हमे बहुत कुछ सिखा देता है वापसी कैसे करनी चाहिए यह भी आने वाला वक्त सिखा देता है की दुनिया सिर्फ देखता ही रह जाती है। 

संकेत का जन्म एक अच्छे खासे घर में हुआ था, वह अपने माता - पिता जी के साथ नहीं रहता था।  वह अपने चाचा - चाची के पास था। वह उनका दूसरा बेटा था।  पढ़ाई में क्लास में हमेशा अव्वल आता था। गॉव में साल में एक बार जाते थे सबको वहां जाकर अच्छा लगता था, परंतु स्कूल की वजह से वह कुछ दिनो में वापस चले जाते थे। संकेत को बहुत खुशी मिलती था पर गॉव से निकलते वक्त पैर नहीं निकलते थे पर, वह भी क्या कर सकता था।  उसके चाचा - चाची पढ़ाई पर काफी पैसे खर्च कर रहे थे, उसे जो चाहिए वह सब कुछ देते थे जो जरूरी था।  संकेत कभी भी दिल खोल कर बात नहीं करता था। 

वक्त तेजी से बीत रहा था संकेत ने दसवी की परीक्षा दी और हमेशा के लिए वह अपने दादा जी के साथ गॉव चला गया।  मई में रिजलट लग गया।  उसे 74% अंक मिले, घर मे सब बहुत खुश थे, खेत में सबने मिलकर उसकी कामयाबी को जाहिर किया। 

संकेत ने अपनी आगे की पढ़ाई गॉव में ही शुरू कर दी पर अब जैसे उसका पढ़ाई से मन हटने लगा था।  दिन भर वह घर पर ही रहता था ज्यादा बाहर जाना उसे पसंद नहीं था।  उसके माता - पिता दिन भर खेत में रहते थे, धीरे धीरे उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया था वक्त के साथ वह बहुत ज़िद्दी हो गया था, उसने मोबाइल और साइकल ली।  ग्यारवी साइंस में उसे कम अंक मिले, बारहवीं में तो वो गणित में फेल ही गया।  साल भर का उसने ब्रेक लिया, लोगों को जब इसके बारे मे पता चला तब उन्हें समझ मे नहीं आ रहा था इस पर क्या बोले।  उसने वापस बारहवीं की परीक्षा दी और पास हो गया।  बाद में उसने आयटी में एडमिशन लिया , उसने बहुत अच्छी तरह से उसमे करियर करने का निश्चित कर लिया, पर उसने आगे की पढ़ाई नहीं की। 


बाद में वो अच्छा खासा कमाने लगा पर वह गॉव छोड़ना नहीं चाहता था।  वह वही पर उसके गॉव के नज़दीक नौकरी मिल गई।  उसके अतीत का उसके भविष्य पर कभी भी परिणाम नहीं हुआ। उसकी कामयाबी पर सब बेहद खुश थे। 

हमारी वापसी भी ऐसी होनी चाहिए की बस दुनिया देखती रह जाए....



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