उम्मीद
उम्मीद
1 min
43
ऑफिस जाते हुए मम्मी पापा से सन्देश ने कहा "आज आपके साथ डिनर करना है आया के साथ हरगिज नहीं।" "अवश्य मेरी जान पापा की गोद में बैठकर मेरे हाथों से खाना खिलाऊँगी, हम सब साथ में खाना खाएंगे" मम्मी ने बड़े प्यार से गाल सहलाते हुए कहा "लव यू मम्मा-पापा" इंतजार करूँगा। रात के 9 बज गए हैं आया खाना खिलाने की कोशिश कर-कर के थक गई है और सदैव की तरह सन्देश मम्मी-पापा के साथ खाने की उम्मीद लगाए बैठा है। ना उम्मीदी वाली उम्मीद ।
