Kumar Vikrant

Others

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तोता मैना/पुस्तक

तोता मैना/पुस्तक

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'इस बार मेरे जन्मदिन पर क्या गिफ्ट दोगे?' प्रिया ने सिड से पूछा। 

'अरे डियर जन्मदिन आने तो दो गिफ्ट भी दे देंगे।' सिड हँसते हुए बोला। 

'आज क्या डेट है? बताओ न।' प्रिया बोली। 

'२२ अक्टूबर, क्यों क्या बात है?' सिड ने थोड़ा कन्फ्यूज सा होते हुए पूछा। 

'क्या होता है आज के दिन?' प्रिया ने तेज आवाज में पूछा। 

'आज? क्या होता है आज? अरे हाँ आज तो तुम्हारा जन्मदिन है, हैप्पी बर्थडे डियर, देखो मैं तुम्हारा जन्मदिन नहीं भूला........' सिड सकपकाते हुए बोला। 

'गजब याद रखा......बकवास मत करो; जब मैंने याद दिलाया तब तुम्हे याद आया। तुम बहुत भुलक्कड़ हो सिद्धार्थ; आज मैं तुमसे बहुत नाराज हूँ।' प्रिया उखड़ते हुए बोली। 

'भुला नहीं यार, मैं तो तुम्हे सरप्राइज देना चाहता था।' सिड बहाना बनाते हुए बोला। 

'सरप्राइज? वाकई सरप्राइज तो दे ही दिया तुमने जो मेरे याद दिलाने पर मुझे बर्थडे विश कर रहे हो।' प्रिया नाराजगी के साथ बोली। 

'अरे यार यही तो सरप्राइज था.........' सिड हँसते हुए बोला। 

'तो मेरा सरप्राइज गिफ्ट भी लाए होंगे? लाओ कहाँ है मेरा गिफ्ट?' प्रिया गुस्से से बोली। 

'लो ये है न तुम्हारा गिफ्ट........' सिड खुद के पढ़ने के लिए लाई पुस्तक 'तोता-मैना' प्रिया की खुली हथेली पर रखते हुए बोला। 

'तोता-मैना? ये कैसी पुस्तक है? हद है न मुझे पढ़ने का शौंक है और न पुस्तके खरीदने का। जबरदस्ती का गिफ्ट थोप रहे हो मुझ पर।' प्रिया उस पुस्तक को एक तरफ रखते हुए बोली। 

'अरे यार यही तो सरप्राइज गिफ्ट है, वैसे बहुत ही गजब पुस्तक है तोता-मैना।' सिड ने प्रिया को समझाया। 

'क्या गजब है इस किताब में, जरा मैं भी तो सुनु।' प्रिया बोर होते हुए बोली। 

'अरे यार ये आदमी और औरतो की बेवफाई के किस्से है जो बारिस की एक रात में तोते ने मैना को और मैना ने तोते को सुनाए थे।' सिड प्रिया को समझाते हुए बोला। 

'वाकई गजब किताब है, मुझे तो तुम्हारे मुझसे बेवफा होने का पूरा शक है, तुमने आज मेरा जन्मदिन भूलकर तुमने ये सिद्ध कर दिया कि तुम पक्के बेवफा हो। प्रिया ताना मारते हुए बोली। 

'बाप रे तुमने तो मेरी ही क्लास ले ली। चलो मानता हूँ कि आज मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई है, भूल हुई है तो सजा भी बनती है, चलो जो सजा तुम कहो वो मुझे मंजूर है।' सिड खिसियानी हँसी हँसते हुए बोला। 

'सही बोले, सजा तो मिलेगी, चलो आज की शाम मेरे और बच्चो के नाम कर दो और कोई कायदे का गिफ्ट मुझे, बच्चो को और खुद के लिए भी खरीदो।' प्रिया हँसते हुए बोली। 

'जो हुक्म मेरे आका......' कहते हुए सिड ने प्रिया के हाथ थाम लिए। 


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