Shailaja Bhattad

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Shailaja Bhattad

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सुकून ---संस्मरण

सुकून ---संस्मरण

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सुबह-सुबह जब मैं स्टार बाजार सामान खरीदने गई और वहाँ अच्छे टमाटर छाँटने लगी तभी पास खड़े युवक को देसी महंगे टमाटर पेपर के लिफाफे में नीचे और उनको छिपाते हुए उनके ऊपर सस्ते हाइब्रिड टमाटर को रखते देखा तो, बिना विचार किए कि, मेरे बोलने का परिणाम क्या होगा, उस युवक से मैंने कहा कि, ऐसा काम मत करो जिससे न सिर्फ तुम्हारा नाम खराब हो वरन जिंदगी भर तुम्हें अपराध बोध के ग्लानी भाव से जीना पड़े। पहले तो वह युवक सकपकाया लेकिन आसपास कोई दूसरा न दिखने पर मुझे माफ कीजिए कहकर लिफाफे के सारे टमाटर निकालकर सिर्फ हाइब्रिड टमाटरों से लिफाफा भर, बिलिंग काउंटर पर चला गया और मैं वहीं खड़ी सुकून की सांस ले रही थी क्योंकि किसी को अपराधी होने से बचा जो लिया था ।



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