Varuna Verma

Children Stories

2.8  

Varuna Verma

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सर्च हिस्ट्री

सर्च हिस्ट्री

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सचिन आखिर सो गया था और रजनी उसको बिस्तर के किनारे बैठे देख रही थी। लगता है कल ही तो उसे अस्पताल से लाये थे। वह इतना बड़ा कब हो गया? और उस से भी ज्यादा चिंता का विषय था कि वह ऐसा कैसे हो सकता है।

उस समय वह चार साल का रहा होगा। एक दिन उसे बुखार था और वह स्कूल नहीं गया था, रजनी के घर लौटने पर बताया कि वह एक गाड़ी से मक्खी के साथ खेल रहा था और मक्खी ने दो गेम जीते और सचिन ने तीन। रजनी को हँसी आ गई।

रजनी हर बाहर काम करने वाली माँ के जैसे अपराधबोध से ग्रस्त रहती थी। इसके कारण रोज शाम लौटते समय पूछती कि क्या चाहिये और ला देती। आज भी उसने फोन से पूछा तो सचिन ने कहा वह होमवर्क कर रहा है। पर घर लौटने पर पता चला कि ये सच नहीं है और सचिन मोबाइल से खेल रहा था। रजनी को गुस्सा तो बहुत आया और उसने बहुत डाँटा। सचिन चुप चाप सुनता रहा और फिर सो गया।


रजनी ने सोचते सोचते सचिन का फोन उठाया और सर्च हिस्ट्री देखने लगी। पहले तो उसे डिनोसौर के बारे में विचित्र बातें पता चली। फिर आने वाले दिनो के बेहतरीन गाड़ियों के बारे में, जो इतनी विकसित होंगी जो कल्पना के भी परे हैं। कुछ विज्ञान को कार्टून के माध्यम से समझाया गया था। और भी कई तरह के विषय खोजे गए थे....सब ज्ञानवर्धक नहीं थे और कुछ नामी अभिनेताओं के बारे में भी थे। पर सभी इतने रोचक थे कि कब दो घन्टे बीत गए, रजनी को पता ही नहीं चला। शायद इसी तरह सचिन का भी समय गुज़र गया होगा और उसने डर से झूठ बोल दिया होगा.... रजनी को ग्लानि होने लगी।


अगले दिन सचिन जैसे सब भूल गया था और रजनी को स्कूल की कहानी सुना रहा था कि कैसे एक लड़की परीक्षा में चोरी कर के लिख रही थी और पकड़ी गयी। उसकी बातों से लग रहा था कि उसे उस लड़की से काफी सहानुभूति है। रजनी ने कहा "कोई मेहनत से अंक लाता है और चोरी से अंक लाता है ऐसा गलत है।" "लेकिन ये कोई प्रतिस्पर्धा तो नहीं है" सचिन ने उत्तर दिया। रजनी को यह समझने में वक्त लगा। सही है कोई प्रतिस्पर्धा तो नहीं है सब पूर्ण अंक ला सकते हैं!

माता पिता, खासकर माँ बच्चों को जिन्दगी भर कर्ज के तले रखते हैं कि हमने तुम्हें जन्म दिया है और अगर बच्चे कहें कि अगर हम आते ही नहीं? न सिर्फ हमने तुम्हारी ज़िंदगी को मतलब दिया है बल्कि एक समझ दी है और माता पिता बनाया है। लेकिन बच्चे बहुत दरियादिल होते हैं और दयालु भी....वो माँ बाप को अक्सर माफ़ कर देते हैं ....


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