STORYMIRROR

Shailaja Bhattad

Others

2  

Shailaja Bhattad

Others

समझदारी

समझदारी

1 min
93

"माताजी कृपया आप कबूतर के लिए यहां दाना मत डालिए सभी यहां सुबह और शाम चलते हैं। दानों पर लोगों के पैर पड़ते हैं और कबूतर की बीट से सबके पैर तो खराब होते ही हैं साथ ही धूप में जो वाष्प ऊपर उठती है उसमें बीट की बदबू भी होती है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं है।" प्रिया ने अपार्टमेंट की छत पर एक महिला द्वारा रोज-रोज कबूतरों के लिए दाने डाले जाने पर उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन वही "ढाक के तीन पात।" अपार्टमेंट में रहना सुरक्षा की दृष्टि से जहां अच्छा है वहीं विभिन्न प्रकृति के लोगों के साथ निभाना उतना ही चुनौती भरा। जब दाना डालने का यह सिलसिला जारी रहा तब आखिरकार प्रिया ने मैनेजमेंट की सहायता से छत के एक हिस्से में जहां कोई आता जाता नहीं एक बड़ा-सा ट्रे रखवाकर सभी तक यह संदेश पहुंचा दिया कि, सभी दाना व पानी वहीं रखें और ट्रे की समय-समय पर सफाई की जाएगी ताकि पूरी छत गंदी न हो और किसी का स्वास्थ्य भी प्रभावित न हो। अगले दिन पूरी छत साफ करवाई गई और उसके बाद छत कभी गंदी नहीं हुई।


Rate this content
Log in