समझदारी
समझदारी
जिंदगी भी जाने कैसे कैसे खेल खेलती है अच्छे लोगो को ही हर पल कष्ट देती रहती है । अरविंद एक सरकारी नौकरी करता है । वो एक पाँव से थोड़ा सा अपाहिज़ था । पर बहुत ही हँसमुख इंसान था । कोई दो बात बोल भी देता तो हँसकर आगे बढ़ जाता था । उसकी बीवी पिंकी बहुत सुंदर थी घर के काम उसको रास नही आते । अरविंद बेचारा सुबह उठकर घर का खाना भी बनाकर रख जाता । उसकी बीवी को खाना बनाना आता नहीं था । वो बच्चो को भी तैयार करके स्कूल भेज देता ।बच्चे बड़े होते गए । पर बेटी और बेटा दोनो ही पढ़ाई में नालायक थे बेटी छोटी थी और बेटा बड़ा । बेटे ने पढ़ाई ज्यादा नहीं की दस तक ही पढ़ा था
कोई नौकरी नही मिल रही थी उसको छोटी मोटी नौकरी करके वक्त गुजार रहा था । पिता का अपना मकान था । उसको कोई चिंता नहीं थी । उसको एक लड़की से प्यार हुआ उससे शादी भी कर ली । पिता पर बहु का भी बोझ पड़ गया ।माँ बीमार रहती थी काम सब कुछ करती नहीं थी । पिता अब भी घर के सब काम निपटा देता । बच्चे मज़े से ऐश से जीते । एक दिन अरविंद को अटैक आ गया और हॉस्पिटल जाने तक उसकी मौत हो गयी । उन पर गमो का पहाड़ टूट पड़ा कि अब क्या होगा बेटा नालायक था बेटी अभी छोटी थी पर पढ़ाई में कमजोर । बीवी बिस्तर पर थी । अरविंद एक समझदार इंसान था उसने अपने बच्चो के नाम अछि खासी रकम जोड़ रखी थी । सरकारी मुलाज़िम होने की वजह से फंड्स वगैरह भी बहुत जमा थे और बीवी के नाम पेंशन भी आने लगी । अरविंद की समझदारी थी कि उसका घर उसकी मौत के बाद बिखरा नही ।
