STORYMIRROR

Vigyan Prakash

Others

1  

Vigyan Prakash

Others

स्कूल में आशिकी

स्कूल में आशिकी

2 mins
476

बात तब की है जब नया नया आशिकी का दौर चढ़ा था। आठवीं क्लास में थे हम जब एक लड़की पसंद आ गई और खुमारी सर पर डोलने लगी। फिर ये सब बातें कहाँ छुपती है। दो दिनों में क्लास में सबको पता था सिवाय उस लड़की के। किसी लौन्डे ने हमें चढ़ा दिया की बेटा लड़की तभी पटेगी जब दबंगों वाले काम करो।

उसकी बात सुन हम भी तैश में आ गये। उपर के दो बटन खोल, बाज़ू चढ़ाये, और बालों को तेल पानी लगा खड़ा कर हम पहुँच गये सरस्वती देवी के मंदिर में। दोस्तों में बात उठ गई। सब ने तारीफ कर कर के हमें और सर पे चढ़ा दिया। तब से रोज़ ऐसे ही स्कूल जाने लगे। 

बाबूजी हमरे स्कूल जाने से पहले ही ड्यूटी चले जाते सो उन्हें पता ना चलता। मगर माँ को ये सब अच्छा ना लगता और वो हर दिन टोक दिया करती। इसी वजह से माँ से भी अनबन हो गई थी। 

इसी दौरान एक दिन पी टी वाले मास्टर ने पकड़ लिया। हुआ यूँ हमारे एक दोस्त को एक लड़का धक्का दे कर निकल गया।

नये नये दबंगई के खुमार को ये बर्दाश्त नहीं हुआ। और हमने मुक्का तान दिया। शरीर से बने ठने से तो बेचारे का दाँत हिल गया। और उसने जा कर पी टी वाले मास्टर साहब से शिकायत कर दी। 

एक तो हम अपने स्टाइल के चक्कर में ऐसे ही उनसे मुँह छुपाये फिर रहे थे। आज सामने से जाना पड़ा।

अब जो करना था उन्हें करना था। पहले तो चार रेपटे खींच के लगाए और हमारी हिमाकत को गुन्डई का नाम दे पिताजी के नाम का बुलावा दे दिया। अब आगे कुआँ पीछे खाई वाली हालत हो गई थी। मगर मजबूरी थी बाबूजी को बुलाना पड़ा वरना वो जल्लाद हमें क्लास में जाने नहीं देता। 

अगले दिन पिताजी स्कूल आये तो सही पर आने से पहले उन्होने रास्ते भर में ही हमारी सारी हेकड़ी निकाल दी थी। दो चार रेपटे तो तैयार होते होते ही लगा दी थी उन्होनें। स्कूल जाके भी उन्होनें कोई हमारी वकालत ना की उल्टा घर की ग़लतियाँ गिनाने लगे। 

अती तो तब हो गई जब उन्होनें प्रिंसिपल से मिलने की बात कही और कहा की उनसे भी मेरी शिकायत करेंगे। हालांकि ऐसा हुआ नहीं मगर दबंगई कहाँ ग़ायब हुई पता भी नहीं चला। मगर तब तक बाबूजी समझ चुके थे की मैटर लड़की का है। सो उन्होनें भी हमारा सहयोग किया और ऑल बॉयज स्कूल में डाल दिया।

आशिकी साली दिल से निकल ही रही थी की उसके निकलने के सारे छेद बन्द कर दिए गये।



Rate this content
Log in