" सजगता...."
" सजगता...."
रोहित एक बहुत ही समझदार लड़का था। उसकी सबसे बड़ी ख़ासियत ये थी कि वो छोटी-छोटी बातों के प्रति भी बड़ा सजग और सतर्क रहता था। एक बार की बात है, वो कुछ सामान ख़रीदने बाज़ार जाता है। वहाँ पर ख़रीदारी करके वो जैसे ही अपनी बाइक खड़ी की हुई जगह पर पहुँचता है तो वहाँ से अपनी बाइक को नदारद पाता है। वो समझ जाता है कि उसकी गाड़ी चोरी हो चुकी है। अब वो इसकी रिपोर्ट दर्ज़ करवाने के लिए पुलिस स्टेशन की ओर रवाना होता है। इधर वो चोर बाइक चुराकर फटाफट से शहर से बाहर निकलने की फिराक में रहता है। लेकिन, उफ़्फ़....ये क्या...!! चौराहे पर रेड सिग्नल हो जाता है। वो किसी तरह खुद को सँभालते हुए ग्रीन सिग्नल होने का इंतजार करता है। थोड़ी ही देर बाद जैसे ही ग्रीन सिग्नल होता है, वो गाड़ी को स्टार्ट करने के लिए फटाफट से किक मारना शुरू करता है। लेकिन , उफ़्फ़....ये फिर क्या...!! चौराहे पर गाड़ी स्टार्ट न होने पर पास ही खड़ा ट्रैफिक पुलिस का सिपाही उसकी तरफ बढ़ता है। जैसे ही वह चोर सिपाही को अपने करीब आते देखता है, घबड़ा जाता है और वो गाड़ी को वहीँ पर छोड़कर वहाँ से रफ्फूचक्कर हो जाता है। ट्रैफिक पुलिस का सिपाही गाड़ी को साइड में लगा देता है कुछ समय पश्चात् उस रास्ते से गुज़र रहे रोहित की नज़र जैसे ही साइड में पड़ी अपनी बाइक पर पड़ती है, वो राहत की साँस लेता है। फिर वो उस ट्रैफिक पुलिस के सिपाही को सारा माजरा बता देता है और साथ ही यह भी बताता है कि :-" अंकल, मैंने ख़रीदारी के लिए जाने से पहले पेट्रोल की नोब को ऑफ पर कर दिया था। उस चोर को इस चीज़ का आभास नहीं हो सका। उसने सोचा होगा कि गाड़ी ख़राब हो गई है, अतः वोइसे यहीं छोड़कर यहाँ से रफ्फूचक्कर हो गया।
यह बात सुनकर उस सिपाही ने रोहित को उसकी सजगता की दाद दी।
इस तरह रोहित की बाइक आज उसकी सजगता और सतर्कता की वजह से चोरी होने से बच चुकी थी।
