Anmol Agarwal

Children Stories Inspirational

4.5  

Anmol Agarwal

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श्रापित राजकुमारी और राजकुमार

श्रापित राजकुमारी और राजकुमार

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एक नगर में एक राजा राज्य करते थे। वह बहुत ही न्याय प्रिय थे ।एक बार उस नगर में एक बहुत ही विद्वान और क्रोधी ऋषि पधारे ।उस समय राजकुमारी अपने साथियों के साथ खेल रही थी । राजकुमारी ने ऋषि को देख कर भी अनदेखा कर दिया ।अपने इस अनादर से ऋषि बहुत क्रोधित हुए और राजकुमारी को श्राप दिया कि तुम्हारी शादी एक कुरूप लड़के से होगी । अब राजकुमारी को अपनी भूल का एहसास हुआ उसने ऋषि से हाथ जोड़कर क्षमा मांगी और विनम्र प्रार्थना की ,"हे प्रभु मुझे इस श्राप से मुक्त कर दीजिए आगे से ऐसी भूल कभी नहीं होगी ।राजकुमारी के बार-बार क्षमा मांगने पर ऋषि ने कहा मेरा श्राप कभी खाली नहीं जाता यदि तुम्हारी कर्म अच्छे हैं तो तुम्हारे साथ अच्छा ही होगा। इतना कहकर ऋषि वहां से चले गए । राजा ने अपनी बेटी की शादी नगर के सबसे कुरूप व्यक्ति से कर दी। वह व्यक्ति इतना कुरूप था कि कोई उसकी तरफ देखना भी पसंद नहीं करता था।

लेकिन वह राजकुमारी से बहुत प्यार करता था और हमेशा उसके सुख दुख का बहुत ध्यान रखता था। एक दिन राजकुमारी अपने पति के साथ अपने पिता से मिलने उनके महल पहुंची। लेकिन किसी ने भी यहां राजकुमारी का स्वागत नहीं किया बल्कि सब उन्हें घृणा की दृष्टि से देख रहे थे। यह सब देखकर राजकुमारी को बहुत बुरा लगा ।उसने अपने पिता से कहा कि महाराज आपसे अच्छे तो मेरे पति ही हैं, कम से कम मेरा सम्मान तो करते हैं, और मेरे सुख-दुख का भी ध्यान रखते हैं। अब मैं खुद से ज्यादा इन्हे प्यार करती हूं।

इतना कहकर राजकुमारी रोने लगी। राजकुमारी के आंसुओं ने जैसे ही उसके पति को स्पर्श किया वह एक सुंदर राजकुमार मे बदल गया। तब राजकुमार ने बताया कि पहले मुझे अपने रूप पर बहुत ही घमंड था। मैं सभी की मजाक उड़ाया करता था। फिर एक ऋषि के श्राप के कारण मैं इतना कुरूप हो गया कि मुझे अपने नगर में रहने पर भी शर्म आने लगी ।तब मैं अपना नगर छोड़कर यहां पर आकर रहने लगा ।लेकिन तुम्हारे प्यार और सम्मान ने मुझे फिर से सुंदर राजकुमार बना दिया। यह सुनकर राजकुमारी बहुत ही खुश हुई और खुशी-खुशी अपने पति के साथ उसके नगर में आकर रहने लगी ।अपने अच्छे कर्मों के कारण अब राजकुमारी और राजकुमार दोनों ही श्राप से मुक्त हो चुके थे।


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