दो सहेलियां
दो सहेलियां
कक्षा 4 में पढ़ने वाली राधा बहुत ही होशियार बच्ची थी ।एक दिन उसकी सहेली चारु बहुत महंगा पेन ले कर आई ।जिसमें एक हीरा भी लगा था ।यह पैन चारु के पापा ने उसे जन्मदिन के उपहार में दिया था ।जब चारु ने कक्षा में अपना पेन सभी बच्चों को दिखाया तो सभी बच्चे उत्साह से उस पेन को देखने लगे ।घर आने पर चारु ने देखा कि उसके बैग में पेन नहीं है। पेन ना मिलने पर चारु रोने लगी ।अगले दिन कक्षा में आकर चारु ने सभी बच्चों से पेन के बारे में पूछा तो सभी बच्चों ने पेन लेने से मना कर दिया ।अब चारु बहुत उदास रहने लगी। चारू को उदास देखकर राधा को बहुत दुख हुआ।
उसने चारू को बताया कि तुम्हारा पेन मेरे पास है लेकिन मैंने तुम्हारा पेन नहीं चुराया। वह गलती से मेरे बैग में आ गया था ।उस कीमती पेन को देखकर मेरे मन में लालच आ गया और मैंने पेन वापस नहीं किया ।लेकिन तुम्हें उदास देखकर मुझे बहुत बुरा लगा ।अब मैं बहुत शर्मिंदा हूं ।मुझे माफ कर दो ।मैं आगे से ऐसा कभी नहीं करूंगी। यह सुनकर चारू ने राधा को गले लगा लिया और अपना कीमती पेन भी राधा को सच बोलने के लिए उपहार में दे दिया।।
