पेड़ वाली चुड़ैल
पेड़ वाली चुड़ैल
शाम का समय था। सभी गांव वाले जल्दी-जल्दी अपने घरों की तरफ लौट रहे थे। आसपास में खेल रहे बच्चे भी अपने घरों की तरफ भागने लगे। देखते ही देखते अंधेरा होने तक सभी लोग अपने घरों में बंद हो गए। सभी को डर था तो सिर्फ गांव के बाहर पेड़ पर रहने वाली चुड़ैल का। रजनी अपने पति से कहती है कि इस चुड़ैल ने सभी को परेशान कर रखा है। यदि कोई शाम के बाद बाहर रह जाता है तो उसे उठाकर ले जाती है। चलो यह तो अच्छा है कि 8_ 10 दिनों से हमारे गांव से कोई भी गायब नहीं हुआ। इतने में राधा के चीखने की आवाज आती है। वह राजू को जोर जोर से आवाज लगा रही थी। राधा एक बहुत ही संस्कारी महिला थी, और उसका 6 साल का बेटा राजू भी उसी की तरह समझदार था। राधा अपने बेटे राजू को सब जगह ढूंढती है। लेकिन राजू कहीं नहीं मिलता। पास में रहने वाली महिलाएं राधा को समझाती हैं कि चुड़ैल के डर से राजू किसी के घर में छुप गया होगा, सुबह को आ जाएगा। तुम आराम से सो जाओ। उधर राजू खेलता- खेलता उसी पेड़ की तरफ चला जाता है ,जहां वह चुड़ैल रहती थी।
चुड़ैल राजू को देखकर बहुत खुश होती है और उसे पकड़ लेती है। चुड़ैल राजू से कहती है कि मैं 8 -10 दिन से भूखी हूं। आज मेरी भूख मिटेगी। यह सुनकर राजू कहता है- यदि मैं आपकी भूख मिटा सकता हूं तो यह बहुत अच्छी बात है। आप जल्दी से मुझे खाकर अपनी भूख मिटा लो। मैं कुछ नहीं कहूंगा। यह सुनकर चुड़ैल को बहुत आश्चर्य होता है। वह राजू से पूछती है कि क्या तुम्हें मुझसे डर नहीं लग रहा ?तब राजू अपनी मां के बारे में बताता है "मेरी मां बहुत अच्छी है। वह सब की सहायता करती है। मैंने भी उन्हीं से सब की सहायता करना सीखा है। मेरी मां कहती है कि जब हम अच्छा काम करते हैं तो भगवान जी अपनी लिस्ट में हमारे बहुत सारे नंबर जोड़ देते हैं। और यदि गंदा काम करते हैं तो हमारे नंबर घटा देते हैं।" यदि मैं आपकी भूख मिटा दूगां तो भगवान जी मेरे बहुत सारे नंबर जोड़ देंगे और मुझे बहुत प्यार करेंगे। राजू की बात सुनकर चुड़ैल का हृदय परिवर्तन हो जाता है और उसे अपने आप से शर्म आने लगती है। वह राजू को लेकर गांव में जाती है और सारे गांव वालों से अपने किए हुए बुरे कामों के लिए माफी मांगती है। राजू चुड़ैल से पूछता है कि अब आप क्या खाओगी? इस पर चुड़ैल कहती है कि मैं इमली के पेड़ पर रहूंगी और इमलिया खाऊंगी। इतना कहकर चुड़ैल उस गांव को छोड़ कर चली जाती है। सभी गांव वाले राजू की बहुत प्रशंसा करते हैं। और हंसी -खुशी बिना किसी डर के रहने लगते हैं।।