शीर्षक - अंधविश्वास
शीर्षक - अंधविश्वास
हमारे मोहल्ले में एक अमरूद का पेड़ था सारे बच्चों की नजर उस पर रहती थी लेकिन उस अमरुद के जो मकान मालिक थे बहुत ही खड़ूस थे ।
बच्चों से तो जैसे जन्म जन्म की दुश्मनी थी । हम बच्चों की टोली को देखते ही भड़क उठते थे । उन्हें मालूम जो था कि अब हम मिलकर उनके अमरूद को बंदरों के जैसे टूट पड़ेंगे तोड़ने के लिए।
उनकी एक कमजोरी थी वह बहुत ही अंधविश्वासी थे हम सब दोस्तों ने मिलकर एक योजना बनाई उनके अंधविश्वास को और बढ़ावा देने के लिए।
हम दोस्तों की योजना के अनुसार रात के समय बाल सिंदूर और टूटी हुई चूड़ियां उनके दरवाजे पर रखनी थी और यह काम मुझे सौंपा गया क्योंकि मैं उनके घर के सबसे पास रहती थी।
योजना के अनुसार यह काम सफल हुआ।
सुबह होते ही मोहल्ले में जोर जोर से चीखने चिल्लाने की आवाज आ रही थी किसी ने मेरे घर में टोटका कर दिया पता नहीं अब क्या होगा और हम सब दोस्तों का पेट पकड़ पकड़ कर हँस हँस के बुरा हाल था।