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savitri garg

Others

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शहर बनारस

शहर बनारस

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 बनारस शहर की तो बात ही कुछ अलग है। बनारस शहर उत्तर प्रदेश में स्थित है इस शहर को काशी के नाम से भी जाना जाता है। इसे प्राचीन और धार्मिक शहर भी कहा जाता है। इस शहर को मां गंगा का आशीर्वाद प्राप्त है । यह शहर गंगा नदी के तट पर बसा हुआ है शहर के चारों ओर गंगा नदी है । यहां पर हर तरह की उपज और हर तरह की खेती होती है। यहां के पान बहुत ही प्रसिद्ध है। बनारस आ के बनारसी पान का मज़ा न लिया तो बनारस आने का कोई मतलब न रहा । यहां पर धर्म -कर्म सब कुछ समाहित है। यहां जन्म से लेकर मृत्यु तक के सब कर्म -कांड किए जाते है । इस शहर को मोक्ष का शहर भी कहा जाता है। लोग बताते हैं कि – जीवन के अंतिम पड़ाव में ल़ोग यहां आकर रहते हैं ।ऐसी मान्यता है कि- यहां आकर मरने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और सारे पाप धुल जाते हैं।बनारस की बहुत सी खूबियां है यहां पर आने वाले लोगों को कभी जाने का मन नहीं करता। यहां के लोग बड़े ही खुश मिजाज होते है और लोगों की बहुत मदद भी करते हैं। बनारस में घुसते ही मंदिरों की घंटियां सुनाई देने लगती है मानो! पूरा शहर ही मंदिर है और शहर के हर घर में घंटियां लगी हुई हों। सुबह- शाम बड़ा ही सुंदर माहौल बड़ा अद्भुत और अनोखा नज़ारा होता है ।शहर बनारस में ही काशी विश्वनाथ है जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह शिव मन्दिर गंगा नदी के तट पर बना हुआ है। बनारस की संकरी गलियां जहां से निकलना भी मुश्किल होता है उन गलियों में छोटे-छोटे से शिव जी के मंदिर बने हैं । सुना है कि- बनारस के लोग शिव जी को आशीर्वाद देते है, शिव जी को अपने घर का मानते हैं ।वहीं पर संकट मोचन मंदिर है जो हनुमान जी को समर्पित है। बड़ा ही प्राचीन और भव्य मंदिर है , वहां पर एक अलग ही भव्यता देखने को मिलती है।वहां पर बंदरो का भी अद्भुत नजारा देखने को मिलता है । वहां जाकर जिसने बंदरों को ना देखा तो क्या देखा। बंदर बड़ा ही दिमाग लगाते हैं और किसी का भी प्रसाद, सामान चुरा कर ले जाते हैं । कहते हैं कि हनुमान जी की सेना है।
    गंगा नदी के तट पर कई घाट बनाए गए हैं। जहां नित्य सुबह-शाम मां गंगा कि आरती होती है। वहां जाकर गंगा आरती में जरुर सम्मिलित होना चाहिए, इतना मनोरम और मनोहर दृश्य होता है । क्या अदभुत नजारा होता है? मानो मां गंगा स्वयं ही उतरकर अपनी आरती करवाती हों। और लोग बड़ी खुशी-खुशी इस अदभुत नजारे को देखने के लिए बेचैन रहते हैं लाखों करोड़ों की भीड़ में दर्शनार्थी आरती दर्शन के लिए आते हैं । पैर रखने की जगह नहीं रहती है ।यह आरती का कार्यक्रम रोज नित्य सुबह-शाम का रहता है। उतने लोग रोज आरती दर्शन करने के लिए आते हैं और मां गंगा में डुबकी लगा कर दीपदान भी करते हैं। गंगा नदी के बहुत सारे घाट हैं - जिनको कोई न कोई नाम दिया गया है जैसे अस्सी घाट, दशाश्वमेध-घाट, पंचगंगा घाट, हरिश्चंद्र घाट , मणिकर्णिका घाट ऐसे कई घाट हैं जहां पर हिंदू परंपरा के अनुसार दाह संस्कार किया जाता है। यहां पर जीवन का हर स्वरूप देखने को मिलता है, यहां जीवन का दर्शन होता है। जीवन भर के सब कर्मों का फल यहीं भोग कर सब नष्ट हो जाता है ।हम कुछ भी कर ले अंत में हमें ईश्वर के शरण में जाना ही होता है।
क्योंकि शहर गंगा नदी के तट पर बसा है यहां की कृषि भी काफी प्रसिद्ध है हर तरह के अनाज होते हैं फल -फूल , सब्जी सब होता है। यहां के लोगों को कभी भुखमरी का सामना नहीं करना पड़ता है।
थोड़ी दूर पर भारत माता का मंदिर भी है जो भारत माता को समर्पित है वहां भारत माता की कई झांकियां देखने को मिलती है। थोड़ी दूर पर ही तुलसी मानस मंदिर है जो तुलसीदास जी को समर्पित है।
 कला, संस्कृति , विज्ञान की विभिन संस्थाएं बनारस में स्थापित है । हमारे बिस्मिल्लाह खान साहब जो शहनाई वादक थे वो भी बनारस से थे । उन्होंने ने भी बनारस में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्हें शहनाई वादक के रूप में भारत रत्न की प्राप्ति हुई थी। उन्हें ऐसे कई इनामों से नवाजा गया था। शिक्षा के क्षेत्र में हमारा काशी विश्व प्रसिद्ध है। यहां देश -विदेश से छात्र - छात्राएं शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय - यह भारत का एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है ,इस विश्वविद्यालय में हर तरह की शिक्षा, हर क्षेत्र की शिक्षा दी जाती है। यहां पर कई सारी शैक्षणिक संस्थाएं हैं जो कि विश्व प्रसिद्ध है।
बनारस में ही सारनाथ है जो कि बौद्ध धर्म के लिए समर्पित है । भगवान बुद्ध ने चार जगह मुख्य उपदेश दिए थे। उनमें से सारनाथ भी एक मुख्य स्थल है यहां पर भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था।जिसे “धर्म चक्र प्रवर्तन” और बौद्ध मत के प्रचार- प्रसार का आरंभ किया था ।यह स्थान बौद्ध धर्म के चार तीर्थों में से एक है । यहां पर एक धमेक स्तूप भी है। यह जगह बौद्ध धर्म के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। बौद्ध धर्म के स्मृति -चिन्ह,स्थापना से जुड़े बहुत सारी छोटी-छोटी चीजें यहां स्थित संग्रहालय में संग्रह की गई है। संग्रहालय से बौद्ध धर्म की स्थापना, बौद्ध धर्म का उपदेश और भी जानकारियां प्राप्त होती है। यहां भी सारे बौद्ध धर्म के लोग आते हैं उनके अलावा भी दर्शनार्थी लोग सारनाथ में जाते हैं।
बनारस शहर में बड़े -बड़े चिकित्सालय है बनारस के चिकित्सालय विश्वभर में प्रसिद्ध है। बनारस में हर तरह का इलाज संभव है बनारस में इलाज कराने देश विदेश से लोग आते हैं यहां तरह का इलाज संभव है ।
 यहां ऊंची-ऊंची इमारतें हैं , यहां पर बड़ी- बड़ी होटलें हैं। हर तरह की रहने की व्यवस्था है। बनारस में कई रेलवे स्टेशन हैं। जो कि भारत देश के सभी शहरों को रेलमार्ग से जोड़ते हैं।शहर से बाहर एक हवाई अड्डा भी है जहां देश-विदेश जाने के लिए हवाई जहाज आते -जाते हैं। यहां पर लाखों विदेशी आते हैं आपको हर गली में विदेशी मिल जाएंगे। सब हमारे बनारस को देखने आते हैं बनारस में घूम के जाते हैं। बनारस की साड़ियां भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं बनारस में साड़ियां बनाई जाती हैं। बनारस के नमकीन ,मिठाई भी बहुत प्रसिद्ध है। बनारस में जीवन का हर रंग देखने को मिलता हैं जो आपको जाकर ही देखने को मिलता है। हर चौक , चौराहे हर गलियां, भगवान के नाम पर ही होती हैं। हर गलियों में भगवान ही होते हैं बनारस को काशी के नाम से भी जाना जाता है जीवन में एक बार बनारस जरूर जाना चाहिए।


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