Priyanka Gupta

Others

4.8  

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सच्चाई और साहस

सच्चाई और साहस

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बेस्ट टीम का तमगा पाने के लिए थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर में जबरदस्त होड़ मची हुई थी । वाद-विवाद प्रतियोगिता में सिरनी यानि की श्रीनिवास के लिए परिस्थितियाँ थोड़ी प्रतिकूल हो गयी थी । दर्शकों के मध्य बैठे हुए रोहित गुप्ता और अमित शर्मा परेशान दिख रहे थे । ऐसा महसूस हो रहा था कि डिबेट कम्पीटीशन एकतरफा होगा ;थर्ड ईयर के छात्र ने अपने तर्कों और तथ्यों से सिरनी को चारों खाने चित कर दिया था । राहुल सिंह के चेहरे पर एक और जीत की ख़ुशी एवं घमंड साफ़ देखा जा सकता था । 

लेकिन सिरनी के तर्क कि ," इन्नोवेटर्स आर स्मार्टर देन इंजिनीयर्स ." ने बाजी पलट दी थी । सिरनी ने अपने तर्क को सही प्रमाणित करने के लिए नज़ीर भी ऐसी पेश कर दी थी कि सिरनी की बात थर्ड ईयर न तो निगल ही सकता था और न ही उगल सकता था । सिरनी ने थर्ड ईयर के नवाचार की भूरी -भूरी प्रशंसा जो कर डाली थी । फोर्थ ईयर जहाँ इसी बात पर जोर लगाता रहा कि उनके पक्ष में ज्यादा से ज्यादा वोट कैसे गिरें ;वहीं इनोवेटर थर्ड ईयर ने इस बात पर बल दिया कि लोगों को फोर्थ ईयर के पक्ष में वोट करने से कैसे रोका जाए ?

सिरनी ने जैसे ही अपनी बात ख़त्म की ,पूरे ऑडिटोरियम में कुछ सेकंड के लिए सन्नाटा छा गया था । सन्नाटा ऐसा था कि अगर एक सुई भी गिरती तो उसकी आवाज़ सुनाई दे जाती । इस सन्नाटे को राहुल सिंह की तालियों ने तोड़ा । सिरनी की बात समाप्त होने पर सबसे पहले ताली बजाने वाला राहुल सिंह था । राहुल सिंह ने खड़े होकर ताली बजाना शुरू किया और उसके बाद पूरा ऑडिटोरियम तालियों की आवाज़ से गूँज उठा । 

हिप -हिप हुर्रे ,सिरनी की जय , इन्नोवेटर्स आर स्मार्टर देन इंजिनीयर्स ,जैसे नारों से ऑडिटोरियम गूँज उठा था । तब ही संचालक की आवाज़ गूँज उठी ,"निर्णायक मंडल अपना फैसला सुनाने के लिए तैयार हैं । "

"निर्णायक मंडल का फैसला क्या होगा ?",सभी लोग इससे अवगत थे । लेकिन सिरनी का नाम निर्णायक मंडल के होंठों से सुनने के लिए ऑडिटोरियम में शांति छा गयी थी । 

"आज की वाद-विवाद प्रतियोगिता के विजेता हैं ;श्रीनिवास राव ,फोर्थ ईयर से । ",निर्णायक मंडल ने सिरनी को विजेता घोषित कर दिया था । अब तक अपने आपको रोककर बैठे हुए ,लम्बू ,मच्छर और राजेश श्रोताओं के मध्य से उठकर मंच तक आ गए थे और उन्होंने सिरनी को अपने कन्धों पर उठा लिया । संकटमोचक सिरनी ने आज फोर्थ ईयर की लाज जो बचा ली थी । 

"बेस्ट टीम अवार्ड के लिए थर्ड ईयर और फोर्थ ईयर के मध्य काँटे की टक्कर है । दोनों टीम 180 -180 नंबर के साथ बराबर पर हैं । अब मैं फोर्थ ईयर से एकल गायन प्रतियोगिता के अंतर्गत अपनी प्रस्तुति देने के लिए श्री सौरभ शुक्ला को आमंत्रित करता हूँ । ",कार्यक्रम का संचालन कर रहे व्यक्ति की आवाज़ गूँज उठी । 

"क्या हुआ ? सौरभ यहाँ क्या कर रहा है ? स्टेज पर क्यों नहीं जा रहा ?",ऑडिटोरियम के पीछे कक्ष में प्रवेश करते हुए मच्छर ने पूछा ?

"अरे मच्छर ,वाट लग गयी । इस साले सौरभ का गला खराब हो गया है । ",राजेश ने कहा । 

"क्या बात कर रहा है ?ऐसा कैसे हो सकता है ? ",मच्छर ने कहा । 

"अब हो गया न । सिरनी की सारी मेहनत पर पानी फिर गया । यह सारा चुतियापा हमारे साथ ही होना होता है । ",लम्बू ने कहा । 

"अरे ,यह सब तो बाद में होता रहेगा । अब यह सोचो कि कल्चरल सेक्रेटरी को क्या बोलेंगे ? अब सौरभ की जगह किसी और को भेजना होगा । कल्चरल सेक्रेटरी ही किसी और को सौरभ की जगह प्रतियोगिता में भागीदारी की अनुमति दे सकता है । ",सिरनी ने हमेशा की तरह वास्तविक समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा । 

"सौरभ ,सही में तेरा गला खराब हो गया है क्या ?", मच्छर ने सौरभ के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा । 

"मच्छर ,अब हमारे पास ज्यादा वक़्त नहीं है । कल्चरल सेक्रेटरी से बात करनी होगी । ",सिरनी ने कमरे से बाहर जाते हुए कहा । 

"रुक सिरनी ,मैं भी आ रहा हूँ । लम्बू तू यहाँ पर सम्हाल । ",मच्छर ने एक बार फिर सौरभ की तरफ देखते हुए कहा । 

"मेरा गला खराब है । ",सौरभ ने मच्छर से नज़रें चुराते हुए कहा । 

कल्चरल सेक्रेटरी ने किसी दूसरे विद्यार्थी को सौरभ की जगह एकल गायन प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति दे दी थी । "विपरित और अनदेखी परिस्थितियों के कारण फोर्थ ईयर के विद्यार्थी सौरभ शुक्ला इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले रहे हैं । ",संचालक के ऐसा कहते ही ऑडिटोरियम में उपस्थित फोर्थ ईयर के विद्यार्थियों में मायूसी की लहर छा गयी । उनकी आँखों में दो प्रश्न थे ;ऐसा क्यों हुआ और अब क्या होगा ?

"लेकिन कल्चरल सेक्रेटरी ने फोर्थ ईयर के निवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए ,फोर्थ ईयर को इस बात की अनुमति दे दी है कि सौरभ शुक्ला की जगह कोई और विद्यार्थी प्रतियोगिता में भाग ले सकता है । ",संचालक ने घोषणा की । 

फोर्थ ईयर को अपनी बेस्ट टीम अवार्ड जीतने की उम्मीदों पर पानी फिरते नज़र आ रहा था । ऑडिटोरियम में उपस्थित सभी छात्रों के बीच कानाफूसी शुरू हो चुकी थी । फोर्थ ईयर के छात्रों पर दुःख और क्रोध साफ़ देखा जा सकता था । एक बार फिर फोर्थ ईयर जीतते -जीतते हार के कगार पर आ चुका था । 

सौरभ की जगह फोर्थ ईयर से अभिषेक ने एकल गायन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया । अभिषेक का गाया 'गुलाबी आँखें ' कुछ खास रंग जमा नहीं सका और बेस्ट टीम का खिताब थर्ड ईयर की झोली में ही जाकर गिरा । मच्छर,लम्बू और सिरनी के प्रयास फोर्थ ईयर को हार से नहीं बचा सके । 

राहुल सिंह के तरीकों की सब तर्ज आलोचना अवश्य ही हुई ; लेकिन यह भी एक कड़वा सच है कि जीत कैसे ही हासिल की गयी हो ;इतिहास हमेशा विजेताओं को ही याद रखता है और समय के साथ कई बार तो विजेताओं द्वारा जीत हासिल के लिए अपनाये गए तरीकों को भी न्यायोचित सिद्ध कर देता है । थर्ड ईयर ने चुनावों के बाद ,बेस्ट टीम का अवार्ड जीतकर वी एन आई टी के इतिहास में अपना नाम तो कर ही लिया था । 

"सिरनी ,तेरी सारी मेहनत खराब हो गयी । ",रात में साथ में बियर पीते हुए मच्छर न कहा ।

"साले ,सौरभ ने आखिरी साल में हमें कहीं मुँह दिखाने लायक नहीं छोड़ा । ",लम्बू ने कहा ।

"सोचा था कि बेस्ट टीम अवार्ड जीतकर अपनी बची -खुची इज़्ज़त बचा लेंगे । ",सिरनी ने सिगरेट जलाते हुए कहा ।

"हाँ यार ,वी एन आई टी 1995 बैच लूज़र बैच के रूप में ही याद रखा जाएगा। ",मच्छर ने पहली बार खुद की सिगरेट पीते हुए कहा । 

फोर्थ ईयर के छात्र कॉलेज के अंतिम दिनों में केवल इसी प्रश्न का उत्तर ढूंढते रहे कि ,"सौरभ का एकदम से गला कैसे खराब हो गया ?"

लेकिन इसका उत्तर नहीं मिला और 1995 बैच केवल कॉलेज की यादों में ही रह गया । 

"भाई ,मच्छर सौरभ का गला उस दिन कैसे खराब हुआ ?",20 साल बाद भी सिरनी ने बरसों पुराना अनुत्तरित प्रश्न फिर कर डाला था । 

"सिरनी ,तेरी सुई अभी भी वहीं अटकी हुई है । ",लम्बू ने हँसते हुए कहा । 

"सौरभ के कारण हम जीती हुई बाजी हार गए थे । ",सिरनी ने कहा । 

"लम्बू ,बाजी जिताने में सिरनी ने अपनी जान लगा दी थी । इसलिए इसका सवाल करना बनता है । ",मच्छर ने सिरनी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा । 

"लेकिन भाई ,राहुल सिंह की दाद देनी पड़ेगी । क्या जुगाड़ी बंदा था ? पक्का राजनीती में गया होगा । ",लम्बू ने हँसते हुए कहा । 

"हाँ यार ;बंदा जीतने के लिए ही पैदा हुआ है । उसे सही समय पर सही चाल चलना आता था । न जाने कैसी गोटी फिट करता था कि हारी हुई बाजी भी जीत जाता था । उसके जुझारूपन की तो दाद देनी बनती है । ",सिरनी ने कहा । 

"जुझारूपन की या मक्कारी की । ",उनकी बातचीत में शामिल हो चुके राजेश ने कहा । 

"अरे यार छोड़ ;नैतिकता की कोई सार्वभौमिक परिभाषा तो होती नहीं । समय और परिस्थिति के अनुसार नैतिक मानदंड बदलते रहते हैं । ",सिरनी ने कहा । 

"गुरुदेव का ज्ञान देना अब भी जारी है । सिरनी तू तो अभी भी बुद्धिजीवी की श्रेणी में ही है । ",मच्छर ने कहा । 

"लेकिन इस साले के कहने का मतलब क्या है ?",लम्बू ने कहा । 

"देखो , सैनिक जब दुश्मन देश के किसी सैनिक को मारता है तो वह बहादुर कहा जाता है और सम्मान पाता है।वहीं मानव तो छोड़ो किसी जीव की अकारण हत्या करना पाप भी है और अपराध भी ।",सिरनी ने कहा ।

"सिरनी साले ,यह तो बता कि ऐसा क्या हुआ कि तेरा और रितु का जन्म-जन्मांतर वाला प्यार कॉलेज के ख़त्म होने के एक साल के अंदर ही ख़त्म हो गया । ",लम्बू ने पूछा । 

"तुझे नहीं पता ? पता भी कैसे होता ;यह साला तो कॉलेज के बाद जो एक बार कैट की तैयारी करने गया तो सालों बाद ही हमारे राडार में आया । ",मच्छर ने कहा । 

"तब ही तो भाई को कोलकाता वाला आई आई एम मिला । ",सिरनी ने कहा । 

"इतनी मेहनत के बाद भी अहमदाबाद और बैंगलोर तो नहीं मिला । तू तो अपना और रितु का बता । मेरा और गरिमा का तो वैसे भी आगे चलकर कुछ होने वाला था नहीं । ",लम्बू ने कहा । 

"अरे यार ,नौकरी पर फोकस करता या रितु पर । सेलफोन तो उस ज़माने में था नहीं। फ़ोन और पत्रों से रिश्ता ज्यादा चल नहीं सका । फिर कॉलेज में जितना उसका ख्याल रखता था ;आगे -पीछे घूमता था ;कॉलेज के बाद वह सब करना संभव नहीं था । उसके लिए फिर एक आईएएस अफसर का रिश्ता भी आ गया था और मेरा तब भी स्ट्रगल चल रहा था । उसने अपने लिए जो बेहतर था ;वह चुन लिया । ",सिरनी ने कहा । 

तब ही रीयूनियन के आर्गेनाइजर ने घोषणा की कि ,"सौरभ शुक्ला जो किसी कारण कल नहीं आ पाए थे ;आज अपने परिवार के साथ आ गए हैं । "

सबकी नज़रें सौरभ शुक्ला की तरफ उठ गयी थीं । 6 आँखें भी अपने सवाल के साथ सौरभ शुक्ला की तरफ थी । 

सौरभ शुक्ला ने बताया कि वह सिलिकॉन वैली में बस गया है और 10 मिलियन डॉलर का एक छोटा सा स्टार्टअप चलाता है । सौरभ अपने साथ अपने पार्टनर जयंत को भी लाया था । जयंत सौरभ का बिज़नेस पार्टनर ही नहीं ;लाइफ पार्टनर भी था । सौरभ और जयंत को एक बच्चा गोद लेना था ;इसीलिए वह एक दिन बाद आया । सौरभ ने अपने गोद लिए 2 वर्षीय पुत्र रजत से भी मिलवाया । 

सभी ने तालियों से सौरभ और उसके परिवार का स्वागत किया । औपचारिक परिचय के बाद ,सौरभ भी अनौपचारिक गपशप में शामिल हो गया था । 

"साले ,तू तो बड़ा ही छुपा रुस्तम निकला । ",लम्बू ने सौरभ के गले लगते हुए कहा । 

"छुपा रुस्तम या डरपोक । ",सौरभ ने धीमे से कहा । 

"डरपोक क्यों ?",सिरनी ने पूछा । 

"मैं तुम लोगों जैसा नहीं हूँ न । इस बात को स्वीकार करने का साहस नहीं था मुझमें । ",सौरभ ने कहा । 

"95 के बैच में एक ही बुद्धिजीवी कम था ;जो तू भी पहेलियाँ बुझा रहा है । ",अधीर होते हुए मच्छर ने कहा । 

"मेरी वजह से वी एन आई टी बैच 95 बेस्ट टीम का अवार्ड नहीं जीत सका था । राहुल सिंह को पता लग गया था कि मैं समलैंगिक हूँ और उसने मुझे धमकी दी थी कि वह मेरे घरवालों को मेरे बारे में सब कुछ बता देगा । ",सौरभ ने बताया । 

"ये साला राहुल तो बहुत ही बड़े किस्म वाला चू ......था । ",लम्बू ने कहा । 

"चलो आज हमें अपने सवाल का जवाब मिल ही गया । ",सिरनी ने कहा । 

"सौरभ को उसकी सच्चाई और साहस के लिए हमारा सलाम । ",तीनों ने एक स्वर में कहा । 

"हिप हिप हुर्रे फॉर 95 वी एन आई टी  बैच । ",सौरभ ने कहा । 

"हिप हिप हुर्रे । ", सौरभ के साथ वहाँ उपस्थित हर 95 बैच के छात्र ने कहा । 


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