Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

4.7  

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Children Stories Inspirational

राजा का असमंजस

राजा का असमंजस

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एक राजा था उसके चार राजकुमार थे राजा बड़ा ही योग्य कुशल प्रजावत्सल , समदर्शी व न्यायप्रिय जीवमात्र में भगवान को देखने वाला । परम दयालु शासक था वह अपना उत्तराधिकारी अपने जैसा नियुक्त कर राज्य सौंप तपस्या को जाना चाहता था उसको इस बात का असंमजस था । राजा के सभी पुत्र पारंगत थे सभी की ख्याति उनके गुणों के कारण पूरे राज्य में हो रही । । राज्य किस पुत्र को सौंपे क्योंकि उसके सभी पुत्रौ में गुणों की भरमार थी । का प्रथम पुत्र - बहुत बड़ा विद्वान , विज्ञान से संबंधित जानकारी , साहित्य के क्षेत्र का अप्रितम विद्वान था । राजा का दूसरा पुत्र - वह बड़ा धर्मालु , धार्मिक , वेद - पुराणों व शास्त्रों का ज्ञाता व बहुत बड़ा ईश्वर भक्त था । राजा का तीसरा पुत्र - कण - कण में ईश्वर की सत्ता समझने वाला समदर्शी , न्यायप्रिय , दीनों का हित चाहने वाला था । राजा का चौथा पुत्र - श्रेष्ठ मातृ - पितृ भक्त व आज्ञाकारी प्रिय छोटा बेटा था | राजा ने एक दिन मंत्रियों व विद्वानों को बुलाया और अपना प्रस्ताव उनके सामने रखा व सुझाव देने को कहा । मंत्रियों , विद्वानों ने अलग - अलग मत व्यक्त किये किसी ने बड़े | बेटे तो किसी ने मझले बेटे को किसी ने तीसरे नम्बर के बेटे को किसी ने सबसे छोटे पुत्र को राज्य का उत्तराधिकारी बनाने का सुझाव दिया राजा | किसी भी बात से सहमत न हो सका वह इसी घुना बीथी में लगा रहा । और रात में जाकर शैया पर लेट गया । बच्चों बताओ इस कहानी में हो उसके उत्तराधिकारी का हिंट ( संकेत ) छिपा हुआ है

इस कहानी से हमें शिक्षायें मिलेगी

 ( 1 ) बच्चों की तर्कशक्ति विकसित होगी ।

 ( 2 ) बच्चों की कल्पना शक्ति विकसित होगी ।

 ( 3 ) बच्चों में निर्णय लेने की इच्छा शक्ति जाग्रत होगी ।


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