"प्यार के दिवाने"
"प्यार के दिवाने"
भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों की संस्कृति में प्रेम प्रसंग
कभीअच्छा नहीं माना जाता हैं।
आधुनिक शहरी क्षेत्रों कि संस्कृति में लोग
प्रेम प्रसंग कोअच्छा मानते हैं।
भारतीय दोहरीकरण कि संस्कृति में गांवों में
कमोबेश प्रेम प्रसंग कभीअंजाम तक नहीं पहुंच पाते हैं।
इसलिए कई प्रेमी युगल गांवों मेंआत्महत्याएं
कर रहे हैं।
यह बात ध्यान देने योग्य है।
कि हमें कभी दो नावों कि संवारी नहीं करनी चाहिए।
मनुष्य जीवनअनमोल हैं।
आत्महत्या शास्त्रार्थ में महापाप हैं।
ऐसा महापाप करने से सदैव बचिएगा।
