प्रयास:- एक सफलता
प्रयास:- एक सफलता
एक बार की बात है। बहुत से मेंढक जंगल से जा रहे थे। वे सभी आपसी बातचीत में कुछ ज्यादा ही व्यस्त थे। तभी उनमें से दो मेंढक एक जगह एक गड्ढे में गिर पड़े। बाकी मेंढकों ने देखा कि उनके दो साथी बहुत गहरे गड्ढे में गिर गए हैं। गड्ढा गहरा था और इसलिए बाकी साथियों को लगा कि अब उन दोनों का गड्ढे से बाहर निकल पाना मुश्किल है। साथियों ने गड्ढे में गिरे उन दो मेंढकों को आवाज लगाकर कहा कि अब तुम खुद को मरा हुआ मानो। इतने गहरे गड्ढे से बाहर निकल पाना असंभव है। दोनों मेंढकों ने इस बात को अनसुना कर दिया और गड्ढे से बाहर निकलने के लिए बार बार कूद कर प्रयास करने लगे। दोनों बार बार चढ़ कर गिरते जा रहे थे इसलिए पहला मेंढक बोला - " यार! अब मुझे नहीं लगता कि हम दोनों इस गड्ढे से कभी बाहर निकल पाएंगे। वो साथी लोग सच कह रहे थे कि यहां से निकलना अब नामुमकिन है। " दूसरा मेंढक एक लम्बी सांस छोड़ते हुए बोला - " तुम उनकी बातों पर ध्यान मत दो यार, थोड़ा सांस अंदर खींचते हुए आंख बंद कर अपने आप से कहो कि तुम यह कर सकते हो। इस गड्ढे से तुम निकल सकते हो। तुझे स्वयं पर विश्वास होना चाहिए क्योंकि हमारा आत्मविश्वास ही हमें हर परिस्थिति से बाहर निकाल सकता है। "
" फिर भी यार, इस गड्ढे को देखो कितना गहरा है। हमने कितना प्रयास किया मगर नहीं निकल पाए, बार बार फिसल कर गिर जाते हैं। मुझसे अब नहीं होगा यार। " पहला मेंढक चिंतित हो कर बोला।
दूसरे मेंढक ने एक उदाहरण समझाते हुए उससे कहा - " तुम तो यार, उस परीक्षार्थी की भांति बोल रहे हो जो बार बार एग्जाम में अनुत्तीर्ण होने के पश्चात हार मान लेता है और कभी-कभी अपनी जीवन लीला भी समाप्त कर लेता है। हम ऐसा नहीं कर सकते।"
" हम दोनों हार नहीं मानेंगे, जब तक हम अपने लक्ष्य को अर्थात इस गड्ढे से बाहर निकल नहीं जाते तब तक अपने आत्मविश्वास के साथ प्रयास जारी रखेंगे और देखना तुम हम जरूर कामयाब होंगे। "
" परन्तु यार...." ( दूसरा मेंढक बीच में ही ) " अब किन्तु परन्तु छोड़ो और उठो, ऊपर चढ़ने का प्रयास करो, हम जरूर बाहर निकल जाएंगे। "
अपने दोस्त की बात सुनकर उसके अंदर एक ऊर्जा का संचार हुआ जिसके सहारे वह ऊपर चढ़ने लगा। दूसरा मेंढक अपने दोस्त का हौसला देखकर बहुत खुश हुआ और उसके पीछे-पीछे चढ़ने लगा।
जब पहला मेंढक ऊपर जा रहा था तो उसे एक चींटी दिखाई दी जो बार बार गिरने के बाद भी ऊपर चढ़ रही थी। उसके बुलंद हौसले को देखते हुए वह और रफ्तार से चढ़ने लगा। काफी समय तक मुश्किल का सामना करते हुए वे दोनों आखिरकार उस गड्ढे से बाहर निकल आए। उन्होंने अपने मजबूत इरादे और आत्मविश्वास के साथ नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया। दोनों मेंढक एक दूसरे से गले मिले और जंगल की ओर बढ़ चले।
