Sangeeta Aggarwal

Others

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पापा बेटी का प्यारा सा रिश्ता

पापा बेटी का प्यारा सा रिश्ता

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"सविता ये आंचल क्यों खाना बना रही है मैने तुम्हे मना किया था ना कि उसे आराम करने देना!" नीरज ऑफिस से आते ही बोले।


" अरे पापा मां पर क्यों गुस्सा हो रहे हो मैं तो खुद खाना बनाने गई थी आपकी पसंद की गट्टे की सब्जी बना रही थी!" आंचल रसोई से बाहर आ बोली।


" बेटा तू कुछ दिन बाद ससुराल चली जाएगी वहां सब जिम्मेदारी उठानी ही हैं जब तक यहां है आराम कर अब तू!" नीरज बेटी को प्यार करते हुए बोले।


" पर पापा सारा दिन आराम ही करती मैं बोर भी हो जाती हूं इसलिए रसोई में चली गई थी!" आंचल बोली।


" अरे बोर क्यों अपनी पसंद के गाने सुन टीवी देख जो करना कर तू और हां देख तेरी पसंद की आइसक्रीम लाया हूं मैं चल यहां हवा में बैठ और आइसक्रीम खा काम तेरी मां कर लेगी अब!" नीरज आंचल को आइसक्रीम देते हुए बोले।


" हां बेटा आंचल तू आराम कर नहीं तो तेरे पापा घर में तूफान ले आएंगे!" सविता हंसते हुए बोली।


असल में आंचल का अभी दो दिन पहले ही रिश्ता पक्का हुआ था और अगले महीने ही शादी है चूंकि आंचल अपने पापा की लाडली बेटी है तो उन्होंने बोल दिया अपनी पत्नी से अब जब तक बेटी यहां है बस आराम करेगी।


" आंचल कहां हो बेटा तुम!" अगले दिन नीरज ऑफिस से आ बोले।


" ऊपर छत पर है!" सविता बोली।


" चल बेटा नीचे तेरी पसंद के टिक्की गोलगप्पे लाया हूं मैं!" नीरज छत पर आ आंचल से बोले।


"अरे पापा रोज रोज आप मुझे मेरी पसंद की चीजे ऐसे खिलाते रहे तो देखना मोटी हो जाऊंगी मैं!" आंचल गोलगप्पे खाती हुई बोली।


" बेटा तू शादी करके चली जाएगी तो किसे खिलाऊंगा मैं जब तक यहां है तेरे सभी शौक पूरे करना चाहता मैं!" नीरज नम आंखों से बोले।


"पापा प्लीज़ आपको पता है ना आई हेट टीयर्स!" आंचल पापा के गले लगते हुए बोली।


" वैसे भी पापा मैं तो हूं ना यहां आप मुझे खिलाना सब अभी तो ये मोटी मुझे कुछ नहीं देती!"आंचल का छोटा भाई अभिषेक उसे छेड़ते हुए बोला और सब हंस दिए।


ऐसे ही नीरज रोज आंचल की पसंद की चीजे लाता और बड़े प्यार से उसे खिलाता। धीरे धीरे शादी का दिन आ गया।


" मेरी लाडो दुल्हन बनी कितनी अच्छी लग रही है!" नीरज बेटी का माथा चूमते हुए बोले।


"सच्ची पापा !" आंचल खुश होते हुए बोली।


शादी की अभी रस्में अच्छे से हो गई अब आई एक बाप के लिए सबसे मुश्किल घडी यानी विदाई की घड़ी। 


" अरे नीरज कहां गए विदाई का समय हो रहा है और वो गायब देखो उन्हें कहा है वो!" आंचल की बुआ बोली।


" बुआ पापा कहीं नहीं है !" आंचल का भाई अभिषेक थोड़ी देर बाद आ बोला।


" कैसे होगी अब विदाई नीरज के बिना!" सविता बोली।


" वो देखो वो आ रहे पापा!" अचानक नीरज को सामने से आता देख अभिषेक बोला।


" कहां चले गए थे आप लड़के वाले विदाई की जल्दी कर रहे है!" सविता नीरज से बोली।


" आंचल बेटा लो तुम्हारी पसंद की चॉकलेट आइसक्रीम !" नीरज सबको नजरंदाज करता सीधा आंचल के पास आ उसे आइसक्रीम दे बोला।


" पापा आप ये लेने गए थे!" आंचल पापा को देख नम आंखो से बोली।


" हां मेरा बच्चा पता नहीं फिर कब मौका मिलेगा तुझे खिलाने का अब तो तेरे ससुराल वाले जब भेजेंगे तब आएगी तू!" नीरज आंखों में आंसू भर बोला।


" पापा!" आंचल पापा के गले लग फूट फूट के रो दी साथ साथ नीरज भी रो रहा था ।बाप बेटी को ऐसे रोता देख सबकी आंख नम हो गई वहां।

अचानक अभिषेक बोला " अरे आंचल दी आपको आइसक्रीम नहीं खानी तो मैं खा लेटा हूं आपके आंसुओं के साथ साथ वो भी पिघल कर बह जाएगी!" 

अभिषेक के ऐसा बोलते ही सभी हंस पड़े।


सच में दोस्तों बाप बेटी का रिश्ता बहुत प्यारा होता है बेटी अपने पापा की जान होती है हर पिता यही चाहता वो मायके में जितनी खुशियां बेटी को दे सके दे दे। 



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