नकाब

नकाब

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"कहां चली नूरे नज़र,जरा नकाब हटा कर इस सुंदर मुखड़े के दर्शन तो देती जाओ",अपने घर से थोड़ी दूर बाज़ार में एक किनारे खड़े अफजल ने अपने आवारा साथियों के साथ गंदी सी हंसी हंसते हुए कहा।

नकाब के पीछे की आंखों में पानी और शर्म दोनों भर आया।हाथ से नकाब हटाते हुए वो लड़की बोली,"जी भाईजान। अम्मी को बहुत तेज़ बुखार है,आपको फोन भी किया था पर आपने उठाया नहीं।अच्छा हुआ आज मेरे चेहरे के साथ आप और आपके दोस्तों के चेहरे पर पड़ा नकाब भी उतर गया।"

अब उन आवारा लड़कों की आंखों में पानी और शर्म थी।




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