निकाह
निकाह
"अरे नफीसा अगर शन्नो का वहाँ निकाह मुकम्मल हो गया ना तो वहाँ राज करेगी राज।"
दरवाजे की आवाज़ से वो अतीत के ख्यालों से निकली। एक साया उसे अपने नजदीक आता हुआ दिखा। शन्नो तो नजरें झुकाई बैठी थी। उस साये ने उसका चेहरा ऊपर उठाया।
"अल्लाह कसम! नगीना हैं नगीना। इस नगीने की तो खूब कीमत मिलेगी खाडी़ में।"
इतना सुनते ही शन्नो की नजरें उस साये से मिली। अधपके बाल, चेहरे पर झुर्रियाँ, एक ठरकी हँसी।
"आप कौन हैं? और युसूफ कहाँ हैं ?"
"युसूफ कौन?"
"'जिनसे मेरा निकाह हुआ है।"
"निकाह तो तुम्हारा मेरे साथ हुआ है।"
"और वो युसूफ की फोटो ?"
"वो ? नकली फोटो थी। आखिर कौन लड़की मुझ शेख से निकाह करेगी जिसकी ६ बीवी हो पहले से। कच्ची कलियों का स्वाद ही कुछ और ही होता है।"
"धोखा हुआ मेरे साथ। किसी की फोटो दिखा के किसी और से निकाह। मैं नहीं मानती इस निकाह को।"
"मानो या ना मानो। अब तो निकाह हो चुका है। ऐसा कहते शेख उसके करीब आ गया और लाईट बंद।"
अगले दिन अखबार की हेडलाइन :-
मासूम लड़कियों को निकाह के नाम पर जिस्मफिरोशी के धंधे में धकेलने वाले गिरोह का पर्दाफाश। खाड़ी देशों के शेख भी शामिल।