Bindiyarani Thakur

Others

4.2  

Bindiyarani Thakur

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मुलाकात

मुलाकात

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आज मौसम फिर बदलने लगा है,ठंडी ठंडी हवाएं चल रही हैं।लगता है कि फिर बारिश होगी ।शिक्षा जल्दी जल्दी चल रही है ताकि बारिश शुरू होने से पहले ही घर पहुँच जाए। वह एक बाईस वर्षीय छात्रा है,सुन्दर है, पर हमेशा तनाव में रहती है । आज भी काॅलेज में देर हो गई,अतिरिक्त पढ़ाई हो रही है वहां ।सबेरे मौसम अच्छा था तो छतरी की जरुरत भी नहीं थी ,भूख भी लग रही है, कुछ खा कर भी निकली नहीं थी सुबह अलार्म सुनाई नहीं दिया तो देर से उठी और तभी से उसका समय खराब चल रहा है ।स्वयं पर झुंझला रही है परेशानी में दिमाग भी काम नहीं करता है तभी अचानक से धीमी धीमी बारिश की फुहार पड़ने लगी ,बारिश की बूँदों ने जैसे जादू सा असर किया,इतनी देर से परेशान शिक्षा का तनाव जैसे धीरे-धीरे धुलने लगा वह मुस्कुरा उठी और उसकी चाल धीमी हो गई,वह बारिश को महसूस करने लगी ।उसने स्वयं से कहा ये तो मेरा सर्वाधिक प्रिय मौसम है और दोनों हाथों में बारिश की बूँदों को समेट कर खुल के मुस्कुराई और अपने आप से ये वादा किया कि वह हर पल को ऐसे ही खुल कर जिएगी और ऐसे ही खुल कर मुस्कुराएगी चाहे जैसी भी परिस्थिति आ जाए,वह हमेशा खुश रहेगी।उसकी आँखे चमक उठी और इसी दृढ़ निश्चय के साथ उसके कदम घर की ओर चल पड़े ।एक अरसे के बाद उसकी अपने आप से मुलाकात हुई है ।



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