मस्ती टाईम

मस्ती टाईम

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आज कामिनी बंगलो से काम कर के लौट रही थी तो रास्ते कुछ केले और बच्चों के लिए पांच रुपए की मैगी लेकर बड़ी ख़ुश थी सोचा था आज घर पर अपने बच्चों के साथ मस्ती टाईम बिताती हूं। घर पर बच्चे भूखे ही सो गए एक माँ का दिल खून के आँसू रो पड़ा घर में खाने का कुछ भी नहीं था। कामिनी ने अपनी बेटी शीना और राजू को उठाया और कामिनी ने झटपट दो मिनट में मैगी तैयार की और जैसे टीवी में ख़ूब इंज्वॉय करके खाते हैं ऐसे ही बच्चे खाने लगे। कामिनी आँखों में आँसू भरकर शीना और राजू को बड़े प्यार से दुलार रही थी बच्चों को एकदम ध्यान आया माँ ने भी दो दिन से कुछ नहीं खाया है, राजू ने बची मैगी माँ को खिलाने की कोशिश पर माँ तो माँ होती है, कामिनी ने झूठ बोला अरे राजू मुझे बंगले वाली मेम साहब ने खिला दिया था। तू खाले बेटा। माँ बच्चों खाता दे ख़ुश हो रही थी दोनों मस्ती में झूम रहे और गा रहें थे, आओ झूमे -गाएं उन दोनों ने माँ को भी अपनी मस्ती में शामिल कर लिया था।


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