Priyanka Gupta

Others

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मम्मी को मत बताना

मम्मी को मत बताना

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"अरे गुड्डू ,घबरा मत । मम्मी -पापा को बताने की जरूरत ही क्या है ?उन्हें पता ही नहीं चलेगा तो चिंता कैसी ?तू मस्त रह । "

"भैया ,मम्मी -पापा से छिपाना क्या सही बात है ?"

"सब बातें बताना जरूरी भी नहीं है । उन्हें पता चलेगा तो मम्मी -पापा तुझे डाँटेंगे । तुझे डाँट थोड़े न खानी है ?इसीलिए मम्मी -पापा को मत बताना।"

"मीतेश ,अपने छोटे भाई को यह क्या सिखा रहा है ?", छोटे बेटे रितेश ,जिसे प्यार से घर में सब गुड्डू बुलाते हैं ,के कमरे के सामने से गुजर रही मीतेश की मम्मी ममता जी ने कहा । 

"क्या हुआ मम्मी ?क्या सीखा रहा हूँ ?मैं तो गुड्डू से उसके कैंपस प्लेसमेंट के बारे में पूछ रहा था । "

"हाँ मम्मी ,भैया तो मुझे अपने कुछ दोस्तों के रिफरेन्स दे रहे थे ।उन कम्पनीज में भी अपना रिज्यूमे भेज दूँगा । "

"तू चुप रह गुड्डू । अपने भैया की तरफदारी मत कर । मीतेश तुझे शर्म नहीं आती ;जो अपने छोटे भाई को कह रहा है कि मम्मी -पापा को मत बताना । मम्मी -पापा से भला कोई बात छुपानी चाहिए क्या ? अब तो तू खुद भी बाप बन गया है । अगर आरव तुझसे कोई बात छुपाये तो तुझे कैसा लगेगा ?"

"वही तो मम्मी । आरव अगर मुझसे और अपनी मम्मा रेवा से कुछ भी छिपायेगा तो मुझे और रेवा दोनों को ही बुरा लगेगा । लेकिन आप तो खुद ही अपने पोते आरव को यही तो सिखाती हो । इसीलिए मैंने सोचा कि आप बड़ी हो ;आप जो कर रही हो ;वह ठीक है ;इसीलिए मैं रितेश को वही सिखा रहा था । "

मीतेश और रितेश ,ममताजी के दो बेटे हैं । बड़े बेटे मीतेश का विवाह रेवा के साथ हुआ है । आरव ,मीतेश और रेवा का 2 वर्षीय बेटा है । रेवा और मीतेश दोनों ने ही अपने बेटे को मोबाइल और टीवी की दुनिया से दूर रखा हुआ है । रेवा और मीतेश दोनों ने स्वयं ने ही टीवी देखना बिलकुल बंद कर दिया था । घर में जब सब टीवी देखते ,तब रेवा आरव के साथ खेलती ;उसे ड्राइंग करवाती ;उसे कहानियाँ सुनाती । रेवा घर के काम निपटाने के बाद ,बचा हुआ सारा समय आरव के साथ ही बिताती । जब रेवा ,आरव के साथ होती ;तब अपना मोबाइल फ़ोन साइलेंट पर ही रख देती । आरव जब सोता ;तब ही रेवा अपनी मम्मी और दूसरे लोगों से फ़ोन पर बात करती । सोशल मीडिया की दुनिया से तो रेवा दूर ही हो गयी थी । 

रेवा ने तय कर रखा था कि ,"वह आरव को मोबाइल से दूर रखेगी । " आरव को खाना खिलाने में रेवा को कई बार 1 घंटा तक भी लग जाता था ;लेकिन फिर भी उसने आरव को खाना खिलाने के लिए कभी वीडियो आदि नहीं दिखाया । 

लेकिन मीतेश की मम्मी ,ममता जी पिछले 2 -3 दिनों से आरव को मोबाइल पर वीडियो दिखाने लगी थी और साथ ही छोटे से बच्चे को कहती भी कि ,"मम्मी को मत बताना । "

लेकिन रेवा जैसे ही आरव के पास आती ;मासूम बच्चा तुरंत अपनी मम्मी को बता देता कि ,"मैंने मोबाइल पर वीडियो देखा । "तब ममता जी हँसने लग जाती और कहती कि ,"बेटा ,तुझे मना किया था न मम्मी को बताना मत । "

रेवा चाहकर भी ममताजी को कुछ नहीं कह पाती । रेवा ,आरव को टॉफ़ी आदि भी नहीं खिलाती थी । घर पर आने वाले रिश्तेदार आरव के लिए टॉफ़ी लाते तो रेवा उनसे लेकर आरव को बिना दिखाए रेफ्रीजिरेटर में रख देती थी । लेकिन अब रिश्तेदार आरव के हाथ में टॉफ़ी देने लगे थे और साथ ही यह भी कहते कि ,"बेटा ,अपनी पॉकेट में छिपाकर रख लो और मम्मी को मत बताना । "

रेवा को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे ? नन्हा आरव अभी से ही यह सीख लेगा कि ,"मम्मी -पापा से छिपाकर भी कुछ कर सकते हैं तो आगे कैसे चलेगा ?"

रेवा ने अपनी परेशानी मीतेश से साझा की ;तब मीतेश ने कुछ हल निकालने का आश्वासन दिया । आज मीतेश और रितेश दोनों भाइयों ने अपनी मम्मी ममताजी को समझाने की यह योजना बनाई थी । 

"क्या मतलब ?",ममताजी ने कहा । 

"आप आरव को मोबाइल पर वीडियो दिखाकर कहती हो न कि मम्मी को मत बताना । मम्मी जो बात रितेश के लिए गलत है ;वह भला आरव के लिए कैसे सही हो सकती है ? वैसे आप फ़िक्र मत करो ;रितेश ने आपसे कुछ नहीं छिपाया और न ही कभी छिपायेगा । "मीतेश ने शान्ति से कहा । 

"हाँ मम्मी ;भैया सही कह रहे हैं । ",रितेश ने कहा । 

"उम्मीद है आप एक माँ होकर ,दूसरी माँ की भावना को समझेंगी । ",मीतेश ने सोच -विचार में डूबी ममताजी से कहा और चला गया । 



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