मम्मा, भाभी से एक बार पूछ तो लो!!!
मम्मा, भाभी से एक बार पूछ तो लो!!!
"दादी सु-सु आ रही है। अभी करके आती हूँ।" 7 वर्षीय चीनू ने ऐसा कहा और भागकर चली गयी। जिस गति से गयी थी उसी गति से वापस आ गयी।
चीनू की दादी ममता ने पूछा, "क्या हुआ? इतनी जल्दी आ भी गयी?"
"दादी, बाथरूम में तो मम्मी है, मम्मी को बोल दिया है, अभी आ जाएंगी। तब तक रोकना पड़ेगा" चीनू ने मासूमियत से कहा।
"अरे बेटा, तो हमारे कमरे के बाथरूम में चली जा" चीनू के दादाजी राजेश जी ने कहा।
"हाँ बेटा, सु-सु को रोकना नहीं चाहिए। बेटा दादा-दादी का तो बाथरूम उपयोग ले ही सकते हैं" ममता जी ने भी कहा।
"नहीं दादी, मम्मी ने किसी का भी बाथरूम उपयोग में लेने से मना किया है" चीनू ने कहा।
इतनी देर में चीनू की मम्मी अणिमा बाथरूम से बाहर आ गयी और अणिमा ने चीनू को बाथरूम जाने के लिए पुकारा और चीनू चली गयी।
ममता और राजेश अपने बेटे-बहू रुद्राक्ष और अणिमा के पास रहने आये हुए थे। हर 2-4 महीने में दोनों अपने बेटे-बहू के पास आ जाते हैं। राजेश जी सेवानिवृत हो चुके हैं। दोनों बच्चों बेटे रुद्राक्ष और बेटी पुरंधी की शादी हो चुकी है। रुद्राक्ष और अणिमा के दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी चीनू और बेटा आरव। दोनों बच्चे अक्सर अपने दादा-दादी के रूम में ही खेलते रहते हैं।
चीनू के जाने के बाद ममता ने राजेश से कहा, "अणिमा ने चीनू को दादा-दादी का बाथरूम उपयोग में लेने से मना कर रखा है।"
"हाँ, जैसे हम कोई अछूत हैं" राजेश ने कहा।
"अणिमा को हमारा यहाँ आना पसंद नहीं है" ममता ने कहा।
"शायद तुम सही कह रही हो, १५ दिन बाद जाने वाले थे। अभी रुको मैं कल का ही टिकट बुक कराता हूँ। ", राजेश ने कहा।
"हां, अभी पुरंधी को फ़ोन करती हूँ। वह टिकट बुक करा देगी। ",ममता ने अपना फ़ोन लेते हुए कहा।
ममता ने फ़ोन मिलाया,फ़ोन की घंटी बजी, ट्रिंग........... ट्रिंग.............. ट्रिंग........... और उधर पुरंधी ने फ़ोन उठा लिया था, " हेलो मम्मा, बेटे के पास जाकर तो बेटी को भूल ही गयी। भैया-भाभी और बच्चे सब बढ़िया हैं। "
"कैसी बात कर रही है तू। तुझे रोज़ ही तो फ़ोन करती हूँ। माँ बेटी से दिल की बात नहीं करेगी तो किससे करेगी। यहाँ सब बढ़िया हैं। ",ममता ने कहा।
"पापा की तबियत ठीक है न। ",पुरंधी ने पूछा।
"सब ठीक है। तू मेरा और तेरे पापा का कल लौटने का टिकट करवा दे बस। ",ममता ने कहा।
"मम्मा आप लोग तो अभी १५ दिन बाद लौटने वाले थे। फिर एकदम से क्यों ?सब ठीक तो है न। ",पुरंधी ने पूछा।
"बेटा, तेरी भाभी हमें अछूत समझती है। लगता है, उसे हमारा यहाँ आना जाना पसंद नहीं है। हम तो फिर भी मुँह उठाकर आ जाते हैं। ",ममता ने कहा।
"ऐसा क्या हुआ ?", पुरंधी ने पूछा।
ममता ने उसे पूरी घटना ज्यों की त्यों सुना दी।
" मम्मा, आपने बिना सोचे-समझे भाभी के बारे में राय कायम कर ली। भाभी से एक बार पूछ तो लो, उन्होंने चीनू को ऐसा क्यों कहा है। जहाँ तक मुझे पता है, चीनू को यूरिन में संक्रमण होता रहता है, शायद भाभी ने इसलिए उसे मना किया होगा। आप कहाँ की बात को कहाँ ले जाते हो। एक बार भाभी से बात कर लो, फिर मुझे फ़ोन करना। मैं आपका टिकट करा दूँगी। अगर बात करने से ग़लतफ़हमी दूर हो जाए तो क्या बुराई है। ", ऐसा कहकर पुरंधी ने फ़ोन रख दिया था।
काफी कशमकश के बाद ममता, अणिमा से बात करने चली गयी थी।अणिमा ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़े होकर अपने बाल बना रही थी।
"अणिमा, नहाकर आयी हो क्या बेटा ?", ममता ने बिस्तर पर बैठते हुए बात शुरू करने के लिए पूछा।
"हाँ,माँ, घर के काम निपटाकर दोबारा नहा लेती हूँ। ", अणिमा ने जवाब दिया।
"तब ही तो चीनू सु-सु के लिए घूम रही थी। मैंने और तुम्हारे पापा ने कहा भी था कि हमारे बाथरूम को उपयोग कर लो, लेकिन उसने मना कर दिया। आजकल के बच्चे भी न, पता नहीं क्या-क्या सुनकर आ जाते हैं। "ममता ने कहा।
"अरे वाह, माँ चीनू मेरा कहना मान रही है। माँ वो क्या है, चीनू को यूरिन में संक्रमण हो जाता है। आजकल ज्यादातर जगहों पर यूरोपियन स्टाइल के टॉयलेट होते हैं, उनसे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ जाता है। ", अणिमा बता रही थी।
" तो फिर ?तुमने उसे क्या कहा ?", ममता ने पूछा।
" मैंने चीनू को समझाया था कि केवल मम्मी जिस बाथरूम को उपयोग करे, उसमें ही सु-सु जाना। चाहे घर हो या कहीं बाहर। अब बच्चे को और ज्यादा विस्तृत रूप से तो समझा नहीं सकती। ", अणिमा ने कहा।
अणिमा की बात सुनते ही ममता की नाराज़गी दूर हो गयी थी| पुरंधी सही कह रही थी कि एक बार भाभी से बात तो कर लो| बात करने से ही तो हमारी गलतफहमी दूर हो गयी, ऐसा सोचते हुए ममता ने अणिमा से कहा कि "चल बेटा, मैं जाती हूँ। तुम भी आराम कर लो। "
अपने रूम में पहुंचकर ममता ने पुरंधी को फ़ोन करके कहा, "तू सही कह रही थी बेटा, हमारा टिकट मत करवाना। हम 15 दिन बाद ही आएंगे"|
