मेरी यात्रा 8
मेरी यात्रा 8
जुंजाला से चलने के बाद हम ओसिया की ओर रवाना हो गए। 3:00 बजे तक हम ओसिया पहुंच गए। वहां सचिया माता के मंदिर में गए। सचिया माता ओसवालों की कुलदेवी मानी जाती है। मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित था पर बहुत ही खूबसूरत था। जहां माता के दर्शन होने थे वह मंदिर और भी ऊंचाई पर स्थित था और वहां बहुत लंबी लाइन लगी हुई थी तो हममें से कई लोग ही लाइन में लगे और दर्शन करने गए।
हम ने नीचे से ही के दर्शन किए और वहां घूमे फिर वह बहुत सुंदर जगह थी।
फिर हमने वहां खाना खाने लगे। वहां जब हमने खाना खाया तो बुरा हाल हो गया। खाने में इतनी ज्यादा मिर्च थी कि मेरे एक रोटी भी नहीं खाई गई मेरी आंख से पानी आने लगा और मुंह भी बहुत ज्यादा खारा हो गया।
फिर पापा ने मुझे आम का जूस पिलाया तब जाकर हालत सही हुई। दो घंटे वहां रुकने के बाद हम पुष्कर की ओर चल दिए।