मेरी यात्रा 1
मेरी यात्रा 1
मैं ग्यारहवीं कक्षा में थी और सितम्बर का महीना था। हमारे गांव से बाबा रामदेव जी के मंदिर के पुजारी जी लोगों को रुणिचा सलासर ओसियां खाटुशयाम जी पोकरण कोलायत झुझाला पुष्कर आदि धार्मिक स्थलों पर ले के जा रहे थे।
मेरी मम्मी ने बोला हम लोग भी चलेंगे। पापा भी चलने को तैयार हो गए। यह यात्रा 5 दिन की थी। मैं भाई बहन मम्मी पापा और मेरी नानी जी हमारे साथ जाने को तैयार हो गए।
बस रविवार सायं 8बजे रवाना हुई। हम सबने अपना सामान बांध लिया और जाने को तैयार हो गए।
हम 7 बजे मंदिर में चले गए जहां से बस रवाना होनी थी। हमने अपना सारा समान बस में रख दिया और बस चल पड़ी।