Aarti Ayachit

Others

5.0  

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मेरी ख़ुशियों की शुरुआत

मेरी ख़ुशियों की शुरुआत

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बचपन से बेटी, बहु, पत्नी और माँ बनकर जिंदगी के सफर में माता-पिता के आदर्श संस्कारों को बरकरार रखते हुए मैं घर, ऑफ़िस में सामंजस्य स्थापित कर अपने शौक के अनुसार अच्छा भोजन बनाकर खिलाना, हर काम खुशी से करती, कोशिश रहती सदा, किसी का दिल न दुखे और सबकी खुशी में ही मेरी खुशी समाहित है।

कुछ विषम परिस्थितियों में नौकरी छूटने पर मुझे सब करने के बाद ख़ालीपन महसूस होता, लेकिन बच्चों ने कहा, माँ अब आपको जिसमें खुशी मिले वह करो, वर्तमान में "मेरी ख़ुशियों की शुरुआत" लेखन के सफर में मिली आत्म संतुष्टि से हुई ।



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