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मेरी दोस्त

मेरी दोस्त

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२ बजे थे नींद नहीं आ रही थी।पता नहीं क्यों दाईं तरफ की बाज़ू और टाँग काम नहीं कर रहे थे।

ना जाने क्या हुआ छाती में दर्द से कराह उठी। पति टूर पे और बच्चे बगल में सो रहे थे।

"सुनो पता नहीं क्यों बहुत दर्द हो रहा है"

नींद में इंसान क्या बोलेगा वो भी फोन पर

उधर से आवाज़ आयी ह्म्म्म।

{ठप्प}

{ट्रिंग ट्रिंग}

"मोनी दर्द हो रहा है बहुत"

बच्चे बहुत छोटे मोनी ठीक रहना यार"

उधर से आवाज़ आयी

"पागल दिमाग खराब उल्लु चुप कर"

५ मिनट में दरवाज़े पर दस्तक हुई बाहर मोनी थी

पहले मुझे देखी फिर २ और गाली दे सोफे पे बैठ गयी।

मुझे आधा घंटा खड़े रखा और

भगवान जाने क्या वर्जिश थी वो.....

मेरा दर्द भाग गया।।

सुबह ७ बजे उठी और चुप्पी से सुला वो चल दी।।


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