Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win

पुनीत श्रीवास्तव

Others

3.5  

पुनीत श्रीवास्तव

Others

खाते पीते घर के लोग !

खाते पीते घर के लोग !

1 min
326



चप्पलें जूते बेड के अंदर न जायें कहीं ,

झुक के पूरा देखने मे दिक्कत होगी 

खूटियों से कपड़े गिरते ही क्यों हैं ?

उठाने के लिये फिर झुकने का है दर्द

एक आध किलोमीटर का ही हो भले आना जाना

कोई साधन ही मिल जाये यही इच्छा होती

कपडे लत्ते भले डिजाइन के जैसे हों 

फिट आ जाएं भर यही आस है

कोई पूछे कुछ ले आएं तुम्हारे लिए 

साथ ही डबल एक्स एल ही सुझाये 

इससे बड़ा नही था एडजस्ट कर लो 

साथ मे कहते जाए ,

पीठ की खुजली कैसे मिटे 

जब हाथ ही न पहुँचे 

कहीं एक दो दिन रुकने में

और कुछ सहूलियत मिले न मिले चलेगा

इंडियन के बजाय वेस्टर्न की तलाश है

डाइटिंग साग पात देखने सुनने में ही अच्छे ,

दो प्याजा मटन और मुर्गा के लिए 

कहीं से कहीं चले जाते हैं 

मंगल गुरु की रोक टोक मन मार के सह जाते हैं

वजन के मारे लोग बेचारे खुद की फ़ोटो देखके

ख़ुद ही असहज हो जाते हैं 

क्या थे पहले क्या हो गए सोच के रोज ही कसमें खाते हैं 

जीन्स जो थी 32 की अब 36 की आती है 

ऊपर से ये तोंद चालीस का घेरा बनाती है

मोटा मोटी कहके जनता कान पकाती है 

खाते पीते घर के हैं कह के जान छुड़ाते हैं

 कहाँ किसी की सुनते हैं ये

जब तक न हो आहट किसी बी पी सुगर की 

ये खाते पीते लोग बस यूं ही चलते रहते हैं





Rate this content
Log in