जमीन
जमीन
आज बस्ती में धूम है, शहर के एक कस्बे में बसा छोटा-सा गांव, जहां गगनचुंबी इमारतों के निर्माण की जमीन से विस्थापित लोग रह रहे हैं, हर्षोल्लास के साथ जश्न मना रहे हैं।
दरअसल कुछ लोगों ने जो कि नए बने अपार्टमेंट की जमीन पर रहते थे अपनी जमीन के कागजातों को किसी और के पास सुरक्षित रखने के इरादे से दे रखे थे लेकिन उस व्यक्ति ने मौके का फायदा उठाकर उस जमीन को असली मालिक को सूचित किए बिना ही, एक बिल्डर को बेच दिया था। बाद में पुलिस केस हुआ और फिर न जाने क्या-क्या, लेकिन "जिसकी लाठी उसकी भैंस" असली मालिक को हार का स्वाद चखना पड़ा, और करोड़ों की जमीन के बदले पाँच लाख रुपये लेकर संतुष्ट होना पड़ा, लेकिन भगवान के घर देर है अंधेर नहीं, उनके जीवन में शीघ्र ही एक सुखदायी मोड़ आया जब बिल्डर के कानों में असलियत पहुंचने पर, उसने उन पाँच विस्थापितों के नाम पाँच अपार्टमेंट कर देने की घोषणा की। ताकि कम से कम उनकी आय का स्रोत बना रहे और परिवार के लोग सुखी रहे।
