जिम्मेदारी है हमारी #जनताकर्फ्
जिम्मेदारी है हमारी #जनताकर्फ्
"अरे!रोहन इतवार को लॉन्ग ड्राइव पर चलें।बहुत दिन हो गये कहीं गये नहीं।"आफिस में अपने केबिन से निकलते हुए आशीष ने रोहन से कहा।आशीष बोला-"ठीक है।चलते हैं।मौजमस्ती मार के आयेंगे।सटर्डे-संडे तो वैसे ही छुट्टी है।"आशीष ने नेहा और प्रिया से भी पूछा-"तुम लोग भी चलो।"
नेहा ने हाँ में सिर हिला दिया पर फिर बोली-"यार एक दिक्कत है। हमारी सरकार ने इतवार को सुबह 7:00 बजे से रात को 9:00 बजे तक जनता कर्फ्यू घोषित कर दिया है।क्या हमारा अभी जाना ठीक होगा? कोई छोटी मोटी बीमारी तो है नहीं जो हम नजरअंदाज कर दें वर्ल्ड वाइड बीमारी है यह।"
नेहा की बात सुनकर प्रिया हंसते हुए बोली-"ओ प्लीज तू खुद तो डरती है और हम सब को डरा रही है।सीधे से बोल तेरा जाने का मन नहीं है।"
प्रिया की बात है हां में हां मिलाता हुआ रोहन बोला-"जस्ट चिल नेहा, क्या फालतू लेकर बैठ गई।अरे जब सब घर में होंगे तब तो और अच्छे से घूम पाएंगे।यह तो भीड़भाड़ इलाके में फैलता है।सुनसान सड़क पर थोड़ी ना फैलेगा।भीड़ होती तो एक घड़ी में यह बात मान भी जाता।डरपोक है तू।"
आशीष हँसी को रोकते हुए बोला-"यार डर के आगे जीत होती है। अरे बाहर घूमेंगे और सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट में फोटो डालकर सबको दिखाएंगे की हम कोरोना में भी हैंग आउट कर रहे हैं।क्या डर डर के घर रहना जो होगा हो जायेगा।कोई क्या करेगा उसमेंं।"
नेहा बोली-"नहीं न तो मैंं जाऊँगी। न तो तुम सबको कहीं जाने दूंगी। सीधे से सभी अपने घर में रहो।अगर एक दिन कहीं नहीं जाओगे तो कोई आफत नहीं आ जाएगी। सिर्फ चंद लाइक्स और कमेंट के लिए अपना जीवन मत दाँव पर लगाओ। हमारी सरकार के कुछ सोच समझकर ही जनता कर्फ्यू का निर्णय लिया होगा।"
आशीष में हाथ जोड़कर नेहा से कहा-" हे माते! अपना ज्ञान अपने पास रखो।देख लेना कोई कुछ नहीं बंद होगा।और बाजार बंद भी है तो हमें उससे क्या लेना देना।हमें तो घूमना है लॉन्ग ड्राइव जायेंगे और वहां से एक अच्छे से होटल में खाना खाएंगे। बस इतना ही तो है।9 टू 5 की नौकरी में वैसे भी चैन नहीं है।"
नेहा सभी को समझाते हुए बोली-"मौज मस्ती ज्यादा जरूरी है या अपने को स्वस्थ रखना।तुम कहते हो कि 9-5 की नौकरी में चैन नहीं है तो फिर जो लोग भरी गर्मी में सब्जी बेच रहे हैं, रिक्शा चला रहे हैं वह कैसे अपना काम करते होंगे। हमारी नौकरी उनके काम से बहुत ज्यादा थकाऊ है क्या?"
प्रिया मुंह बना कर बोली-" संडे को घर पर बोर हो जाऊंगी क्या करूंगी?"
नेहा बोली-"क्यों हो जाओगी?यह मौका है कि इस दिन अपने परिवार के साथ नाश्ता-भोजन किया जाए।उनके साथ बैठकर बात की जाये।अपना मनपसंद टीवी चैनल देखो,संगीत सुनो और ईश्वर से प्रार्थना करें कि इस महामारी से हमारा विश्व मुक्त हो।हम अपने देश के जिम्मेदार नागरिक बने।"
सभी को नेहा की बात अब सही लग रही थी। सभी ने घर रहना ही उचित समझा और इतवार को जनता कर्फ्यू में सरकार का सहयोग करने की प्रतिज्ञा ली।
दोस्तों, अगर हमारी सरकार कोई आदेश या संदेश दे रही है तो हमें उसका पालन करना चाहिए।सरकार जनता की भलाई के लिए बहुत सोच समझ के निर्णय लेती है।सरकार इस महामारी को नियंत्रण में लाना चाहती है।अतः सरकार का सहयोग करें और ईश्वर से प्रार्थना करें कि महामारी का विश्व से सर्वमूल नाश हो।