जब सब थम सा गया(उन्नीसवाँ दिन)
जब सब थम सा गया(उन्नीसवाँ दिन)


प्रिय डायरी,
कोरोना संक्रमण के कारण आज संपूर्ण विश्व को बहुत कठिनाईयो का सामना करना पद रहा हैं।स्थिति को ऐसा देख कर मुझे अब ज्यादा डर लगने लगा हैं,कोई सकारात्मक खबर अभी तक नहीं आई हैं।प्रारंभिक स्थिति को देख कर सब यही कह रहा था कि भारत में कोरोना वायरस नहीं आएगा।लेकिन वर्त्तमान में जो स्तिथि हैं उसने अच्छे अच्छे धुरंदरो को ढेर कर दिया हैं।
कैसे मिलेगा छुटकारा।कब स्तिथि सही होगी।इन्ही बातो को सोचते सोचेते मैं बिस्तर से उठा और खिड़की खोलकर एक लंबी सांस लेकर कहा," प्रभु सब जल्दी से ठीक कर दीजिए।नित्य क्रिया करके मैं नीचे पहुँचा तो भाई रूपेश ने कहा ,"भैया थोड़ा जल्दी से नाश्ता कर लीजिए।फिर हमें सामने वाले खेत पर चलना हैं और भूसा गाडी में भरवाकर रखवाना हैं,पिताजी ने कल ही ये सारा भूसा गायो के लिए ख़रीदा हैं,"मैंने कहा,"ठीक हैं चलो,नाश्ता थोड़ी देर से करूँगा"।
खेत में जाकर देखा तो तीन मजदूर और ट्रेक्टर का ड्राइवर वहा पहुँच चुके थे।मजदूरों को मैंने कहा कि आप लोग उचित दूरी बनाकर काम करेंगे और सभी लोग अपना मुँह और नाक ढककर काम करेंगे।फिर मैं नाश्ता करने आ गया।जब मैं पहुँचा तो वो लोग अपना काम चालू कर चुके थे।फिर मैं और भाई रूपेश भी इन सबका हाथ बटाने लगे।आज तापमान बहुत ज्यादा था।लेकिन ये काम भी जरुरी था।मनुष्य तो अपने भोजन की व्यवस्था कर लेता हैं पर जानवरों का क्या?इसलिए लॉक डाउन के दौरान जो मिल गया वो अच्छा हैं।आज का पूरा दिन मेरा इसी काम में खत्म होगा।मैं वैसे भी घर पर रहकर परेशान हो गया था।काम के दौरान दोपहर को बहुत ज्यादा गर्मी लगने लगी तो मैंने सभी मजदूरों को कहा कुछ देर के लिए आप लोग आराम कर लो,मैं पानी और चाय मंगवा देता हूँ।आधे घंटे बाद सब फिर काम पर लग गए।
मैं और भाई रूपेश कुछ देर के लिए पैड के नीचे बैठे रहे।ड्राइवर बहुत ही अच्छा लड़का था।बात ही बात में उसने बताया कि,"भैया मैं तो ठहरा अनपढ़ आदमी लेकिन मेरी घरवाली पढ़ी लिखी हैं।मेरा सपना हैं कि उसको अध्यापक बनाऊ।उसका दाखिला मैंने एक कॉलेज में करवा दिया हैं और उसको मैं बी.एड करवा रहा हूँ।इसलिए मैं दिन रात मेहनत करता हूँ।"सुनकर बहुत अच्छा लगा। मैंने कहा,"मैं भी एक शिक्षक हूँ,और किसी भी प्रकार की परेशानी या समस्या हो तो मुझसे संपर्क करके जानकारी अवश्य लेना।
गर्मी बहुत ज्यादा थी फिर भी करते करते तीन बजे तक सारा काम समाप्त हो गया।घर पर आकर दोपहर का भोजन किया,भोजन के बाद मैं सोफे पर ही लेट गया।लेटे लेटे कब मेरी आँख लग गयी पता भी नहीं चला।मैं उठा तो समय छः बज चुके थे।मैं माँ से पूछने लगा की किसी ने मुझे जगाया क्यों नहीं?तो माँ ने कहा,"आज तक गए थे इसलिए नहीं उठाई।चलो अब जल्दी से उठ जाओ।मैं सोफे पर बैठ कर सोच रहा था कि यदि आप मेहनत करके थक जाते हो तो नींद कब लगेगी पता ही नहीं चलता। घर में चाय और नाश्ते में गोलगप्पे बने थे।मैं चाय पीता नहीं इसलिए मेरी बहन बीना मेरे पास गोलगप्पे लेकर आ गयी।बहुत दिनों बाद गोलगप्पे खाने के बाद मजा आ गया। कुछ देर बाद मैं टीवी देखने लगा,सबसे पहली खबर कोरोना मरीजो की संख्या 8400 पहुँच गयी थी। कुछ राज्यो ने लॉक डाउन 30 अप्रैल तक घोषित कर दिया हैं।हर जगह बस कोरोना कोरोना।इसी बीच एक बहुत ही शर्मनाक खबर आई की पंजाब के पटियाला में पुलिस वालों ने जब गाडी रुकवाने की कोशिश की तो कुछ लोगो ने उनपर हमला कर दिया।शर्मनाक इस लिये क्योंकि जो लोग हम लोगो की मदद और रक्षा कर रहे हैं आज उनपर कुछ लोगो ने तलवारों से वार किया और एक पुलिस अधिकारी का हाथ भी काट दिया।मुझे इस हरकत से बहुत गुस्सा आया।हालांकि कुछ देर में खबर मिला की सात घंटे के ऑपरेशन के बाद पुलिस अधिकारी के हाथ को वापिस जोड़ दिया गया हैं।लेकिन एक बात मेरे मन में चल रही थी क्या मनुष्य सच में इंसानियत खो चुका हैं क्या?
शाम की आरती का समय हो चूका था ,पूजा पाठ समाप्त कर सब खाने के लिए बैठ गए आज भोजन के लिए जल्दी इसलिए क्योंकि सबने आज बहुत मेहनत की थी इसलिए भूख लग गयी थी।भोजन के बाद हम सब छत पर टहलने लगे और वही पर वार्तालाप करने लगे।एक और खबर पता चला की दिल्ली में शाम को भूकंप के झटके महसूस किये गए।मैं सोचने लगा की ईश्वर क्या चाह रहा हैं।मेरे दिमाग में एक बात चलने लगी की क्या कोई बड़ी मुसीबत आने वाली हैं क्या?मन अब घबराने लगा था की मनुष्य इस स्थिति में जाये कहा?
वार्तालाप खत्म कर मैं अपने कमरे में आकर कुर्सी पर बैठ गया।थक तो गया था,इसलिए मैं ज्यादा देर तक कुर्सी पर बैठ नहीं पाया।लेकिन अपनी आज की कहानी लिखनी बाकी थी।आज का दिन तो कैसे समाप्त हुआ पता ही नहीं चला।लेकिन शाम को टीवी पर खबरे देख कर दिल में बैचेनी सी होने लगी।कुछ देर कहानी लिखने के बाद मुझे नींद आने लगी।
इस तरह लॉक डाउन का आज का दिन भी खत्म हो गया।बस अब यही इच्छा हैं कि सब जल्दी से ठीक हो जाये।लेकिन कहानी अभी अगले भाग में जारी रहेगी