हमारी बेटी छवि
हमारी बेटी छवि
छवि तो नहीं है पर बेटी सरीखी या उससे कहीं अधिक है ,सच बताऊँ उससे कहीं अधिक। पर उसको देखती हूँ तो अपने सारे गम भूल जाती हूँ,माँ बाप की इकलौती बेटी छवि पढ़ी लिखी कहने का मतलब हर तरह से काबिल पर उस को समाज से जूझते या फिर अपनी परेशानियों से उलझते तो मन करता है कि बिटियाँ सारे गम मुझे दे दें पर कुछ कर नही पाती.छवि की शादी तो बडे ठोक बजा कर हुई पर टिकी नहीं । बस टूट गयी बुरा तो बहुत हुआ पर लंपट बैंक मैनेजर से पीछा छूडाना नामुकिन था पर छवि अपने बेटा और बेटी के बुरी तरह मेहनत करती है पर आत्मसम्मान से जीती है,हमारी बेटी समाज के सामने एक उदाहरण है कि अकेले कैेसे जिया जाता है वह भी आत्मसम्मान के साथ। हमे अपनी बेटी पर गर्व है और वह समाज के सामने उधारण है कि एक अकेली नारी भी समाज में जी सकती हैंचलिये हम सब मिल कर दुआ करे कि मौला सारे मुसीबत कम कर दे या हल कर दें.