sushant mukhi

Children Stories Inspirational

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sushant mukhi

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एक योगी और ईश्वर

एक योगी और ईश्वर

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एक बार की बात है। जमुनापुर नाम का एक छोटा सा गाँव था जो जमुना नदी के किनारे बसा था। उस गाँव मे एक योगी रहता था जो हमेसा ईस्वर के ध्यान में विलीन रहता। केवल नित कार्यो के लिए ही आंखे खोलता बाकी समय एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ ध्यान मग्न रहता। 

एक रात जम कर बारिश हुई। बारिश इतनी मूसलाधार थी कि नदी का जल स्तर बढ़ने लगा। योगी अपने खटिए पर विश्राम कर रहा था। अचानक जब उसकी आंख खुली तो उसने खुद को जल से घिरा हुआ हुआ पाया। गाँव में बाढ़ आ चुकी था। लोग अपनी जान बचाकर भाग रहे थे। योगी अपने कुटिया से बाहर निकला तो हर तरफ पानी ही पानी था। धीरे धीरे जल स्तर बढ़ता ही चला गया। योगी अपने ईस्वर को याद करने लगा। वो अपने दोनों हाथ जोड़ कर प्रभु से मदद की प्राथना करने लगा। उसे ईश्वर पर इतना यकीन था कि वो मानते थे कि ईस्वर खुद उन्हें बचाने के लिए प्रकट होंगे। 

एक जन सुरक्षा कर्मी नाव में सवार हो आया। उसने योगी को देखते हुए आवाज़ दी कि आईये इस नाव में सवार हो जाइए मैं आपको सुरक्षित स्थान पर ले जाऊंगा। 

मगर योगी अपने ध्यान में मग्न रहा। 

वो नाव वापस चला गया। 

कुछ देर बाद एक हेलीकॉप्टर उसके ऊपर मंडराया उसमे से भी एक सुरक्षाकर्मी ने आवाज दिया कि ये रस्सी वाली सीढ़ी के सहारे ऊपर आ जाइये। हम आपको सुरक्षित स्थान पर ले जाएंगे। 

मगर योगी अब भी नही सुना। वो बस है प्रभु मदद है प्रभु मदद कहता रहा। 

हेलीकॉप्टर भी वापस लौट गया। 

जल स्तर लगातार बढ़ता चला गया और अंततः योगी डूब गया। 

मृत्यु के पश्चात जब योगी की आत्मा ईस्वर के पास पहुँची तब उस योगी ने सवाल किया। 

है प्रभु मैंने आप पर इतनी श्रद्धा रखी जीवन भर आपकी इतनी पूजा की। और जब आपको मैंने अपने मुसीबत के वक्त याद किया और मदद के लिए आवाज़ दिया तब आप ने मुझे क्यों नही बचाया ? 

तब ईस्वर बोले, " योगी तुमने मुझे पुकारा और मैं आया भी था। एक बार नाव ले कर आया तुम्हारी मदद करने के लिए आवाज़ दिया तुमने सुना ही नही, दूसरी बार हेलीकॉप्टर में आया तुम्हारी मदद के लिए आवाज़ दिया तुमने तब भी नही सुना। और आख़िरकार इस तरफ तुम ड़ूब गए। अब बताओ इसमे मेरी क्या गलती मैं तो दो बार तुम्हे बचाने के लिए अलग अलग रूप में आया था मगर तुमने मुझे पहचाना ही नही, मेरी आवाज सुनी ही नही। " 

योगी को समझ आ गया कि उसने भूल कर दी थी और उसकी मृत्यु का कारण वो स्वंम ही था।

इस कहानी से यह सीख मिलती है 

1. ईस्वर में विस्वास रखना अच्छी बात है। यदि सच्ची श्रद्धा हो तो ईश्वर मुसीबत के वक़्त आपकी मदद करने किसी न किसी रूप में आते ही है। बस आप को उस वक़्त उन उपायों को समझ कर इस्तेमाल में लाना चाहिए। 

2. मुसीबत के वक़्त आंखे मूंद कर ईस्वर ध्यान में रहने से समस्याएं हल नही होती है बल्कि अपनी आंखें खोल कर समस्याओं के हल तलाशने चाहिए। सारा काम ईस्वर नही कर सकते। ईश्वर आपकी मदद करेंगे लेकिन आपको अपने जीवन की समस्याओं को सुलझाने के लिए संघर्ष तो करना ही पड़ेगा। 



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