Sarita Kumar

Others

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Sarita Kumar

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दोबारा मिली जिंदगी

दोबारा मिली जिंदगी

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रोहन बिलख बिलखकर रोने लगा बिल्कुल छोटे बच्चों के समान और जया जी बेहद मजबूती से खड़ी होकर उसे संभाल रही थी उसे हौसला दे रही थी क्योंकि जया जी साकारात्मक सोच रखने वाली एक आत्मविश्वासी और ईश्वर पर भरोसा रखने वाली एक विदूषी महिला हैं । ऐसा नहीं है कि उन्हें अपनी बेटी की फ़िक्र नहीं है । लेकिन विपरीत परिस्थितियों में हौसला और हिम्मत रखना उनके व्यक्तित्व की विशेषता है । उनका गरिमापूर्ण व्यक्तित्व , अदम्य साहस और धैर्य उन्हें आम महिलाओं से पृथक करता है । रोहन ने प्रेम विवाह किया था । अपने परिवार वालों के खिलाफ जाकर इसलिए घर से नाता टूट चुका था । जिसके लिए उसने घर बार परिवार छोड़ा था अब वो उसे छोड़कर जा रही है ...... यह ख्याल उसे विचलित कर रहा था ।

प्रेम में कुछ लोग बेहद कमजोर पड़ जाते हैं और कुछ लोगों को प्रेम से ताकत मिलती है । प्रेम इंसान की सबसे बड़ कमजोरी और सबसे बड़ी ताकत है । रोहन प्रेम में कमजोर पड़ गया है और जया जी बेटी के प्रेम में और अधिक मजबूत बन गई हैं और आने वाली हर परिस्थितियों का मुकाबला करने का साहस जुटा रही हैं । जया जी की एकलौती संतान जिंदगी और मौत के बीज जूझ रही है ।ऐसी विषम स्थिति में वक्त की मांग है कि धैर्य से सामना की जाए । डॉक्टर अपना काम कर रहें हैं और कोई कुछ नहीं कर सकता है सिवाय ईश्वर पर भरोसा रखने का और साकारात्मक सोच रखते हुए अच्छी कल्पना करने का । जब भी हम अपने मन में कुछ सोचते हैं तो मस्तिष्क में एक तरंग उत्पन्न होती है और वह तरंग ब्रह्मांड के शक्ति को आकर्षित करती है । इसे "पॉवर आफ अट्रैक्शन " कहते हैं । जया जी ने इसे शक्ति को आकृष्ट करने की कोशिश की और रोहन को भी प्रेरित किया । चंद घंटों में ही एक चमत्कार हुआ और ओटी की बत्ती हरी हो गई । नर्स बाहर आई और बताया की रोहन की पत्नी खतरें से बाहर हैं लेकिन अभी मिलने की इजाज़त नहीं है । आई सी यू में शिफ्ट होने के बाद उन्हें देखा जा सकता है । रोहन को राहत महसूस हुई और एक बार फिर जया जी से लिपट कर रोने लगा और बुदबुदाने लगा यू आर राइट , यू आर राइट । हमें अच्छा सोचना चाहिए और हिम्मत रखनी चाहिए । जया जी ने रोहन का पीठ थपथपाते हुए कहा आल इज वेल । सुकून तो नहीं मिला मगर बेचैनी थोड़ी कम हुई । लगभग ढाई घंटे बाद नर्स ने बताया कि आप लोग जाकर देख सकते हैं लेकिन बातचीत नहीं करनी है अभी । अगले 12 घंटे तक विशेष देखभाल की जरूरत है । उसके बाद बातचीत की जा सकती है । रोहन दौड़ता हुआ आई सी यू की तरफ भागा पीछे से जया जी भी गई । रोहन थोड़ी दूरी पर खड़ा होकर चुपचाप निहार रहा था दो दिन में ही कितनी कमजोर लगने लगी है । दो चार पल में ही उसे होश आया और बंद आंखों से ही रोहन रोहन पुकारने लगी । रोहन सब्र नहीं कर सका झट से उसके करीब पहुंच कर उसका हाथ अपने हाथों में लेकर कहने लगा "मैं हूं न " मैं यहीं हूं और मॉम भी हैं देखो हम लोग यही हैं । तुम चिंता मत करो तुम्हें कुछ नहीं होगा मैं हूं न तुम्हारे पास । मॉम का प्यार और आशीर्वाद भी है हम दोनों के साथ । तुम जल्दी ठीक हो जाओगी और फिर हम घर जाएंगे । मैंने मन्नत मांगी है शिव जी से कि तुम्हें जल्दी से ठीक कर दें फिर हम दोनों साथ में रूद्राभिषेक यज्ञ करेंगे । अगले सप्ताह महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त है उसी दिन ‌‌‌‌‌‌‌हम लोग यह पूजा करेंगे । तुम जल्दी से ठीक हो जाओ । डॉक्टर ने कहा है तीन दिन के बाद तुम घर जा सकती हो । उसके बाद पूजा की सारी तैयारी मॉम ने सोच लिया है कैसे कैसे क्या करना है और कौन‌ सी जिम्मेदारी किसको देनी है । तुम्हें बस सुंदर से तैयार होकर मेरे साथ गठबंधन करके वेदी पर बैठना है बस ।" इतनी सारी बातों के बाद बस एक फीकी सी मुस्कुराहट भर आई थी मगर ये मुस्कराहट देखकर जया जी निहाल हो गई । उन्होंने धीरे से कहा जिंदगी मिली है दोबारा । 


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