दीये
दीये
दीये को प्रकाशित होने में, जग का अंधियारा मिटाने में जिन चार चीजों की आवश्यकता है वह है दीया, घी, बाती और माचिस। किसी की अल्पकालिक भूमिका है तो किसी की दीर्घकालिक। पर आपसी सामंजस्य में कोई कमी नहीं ।सभी को मालूम है कि सारा क्रेडिट दीये को मिलेगा फिर भी बाती और घी में कोई अहंकार भाव नहीं, कोई द्वेष नहीं। जब तक घी का एक भी बूंद रहता है बाती केवल जलने में सहायक की भूमिका निभाती है। जलता केवल घी ही है।
और सबसे खास बात कि दीये केवल जलाने वालों या उनके चाहने वालों के लिए ही नहीं सभी के लिए प्रकाश देता है, निर्विकार भाव से।
दीये का यही संदेश देश, समाज, घर और परिवार के लिए प्रेरणस्रोत।