धुँधली याद
धुँधली याद
"देखो ,सुहानी के दोनों बच्चे एक -दूसरे का हाथ पकड़कर कैसे स्कूल जा रहे हैं ?दोनों भाई -बहिन में कितना प्यार है? मेरे दोनों बेटे सारा दिन एक -दूसरे से झगड़ा करते हैं। ऐसा लगता है मानो दोनों के बीच 36 का आँकड़ा हो। ",बालकनी में कपड़े लेने आयी निधि से पड़ोसी सिन्हा भाभी ने कहा।
"हाँ भाभी ,लेकिन लड़ाई भी तो वहीं होती है ;जहाँ प्यार होता है। ",निधि ने मुस्कुराते हुए कहा।
"यह तो सही कह रही हो निधि। ",ऐसा कहकर सिन्हा भाभी अंदर चली गयी थी ,लेकिन मुझ निधि को यादों के गलियारे तक पहुँचा आयी थी।
निधि और उसकी छोटी बहिन विधि में बचपन से ही बहुत प्यार था। दोनों बहिनें साथ -साथ स्कूल जाती थी। टीचर्स भी दोनों बहिनों की बड़ी तारीफ करते थे। स्कूल के जमाने की ही एक धुँधली याद को निधि की मम्मी कितनी ही बार ताज़ा कर देती थी।
एक दिन दोनों बेटियों को स्कूल भेजकर ,निधि की मम्मी तारा अपने घर के कामों में लग गयी थी . तब ही उसके फ़ोन पर स्कूल से फ़ोन आया। विधि बहुत ज़ोर -ज़ोर से रो रही थी और चुप ही नहीं हो रह थी। बार -बार यही कह रही थी ,"मम्मा को बुला दो ;मम्मा को बुला दो। "
तारा फटाफट तैयार होकर स्कूल पहुंची। विधि मम्मा को देखते ही चुप हो गयी और बोली ,"मम्मा चाहे आप मेरी फीस जमा मत करवाना ,लेकिन निधि दी की फीस जमा करवा दो न। जिन बच्चों की फीस जमा नहीं होगी ,उन्हें मैडम एग्जाम देने नहीं देगी। निधि दी एग्जाम नहीं देगी तो क्लास में फर्स्ट कैसे आएगी। "
तारा को कुछ समझ नहीं आ रहा था ;फिर भी उसने विधि को कहा ,"बेटा ,निधि दी और आप दोनों की ही फीस पापा ने जमा करवा दी है। मैडम आप दोनों को ही एग्जाम देने देगी।चिंता मत करो "
उतने में हीविधि की क्लास टीचर भी आ गयी थी। तारा ने उनसे भी कहा ,"निधि और विधि दोनों की ही फीस जमा है न ?दोनों ही एग्जाम दे सकते हैं न ?"
टीचर ने भी कहा ,"बिलकुल दे सकते हैं।अब तो आप खुश हो न विधि ?अब क्लास में जाओ। "
विधि के जाने के बाद टीचर ने बताया कि ,"रूटीन का अनाउंसमेंट किया गया था प्रेयर के समय फीस के लिए । क्लास में लौटते ही विधि ने ज़ोर -ज़ोर से रोना शुरू कर दिया था।चुप कराने की बहुत कोशिश की .लेकिन बार -बार यही कहती रही कि मेरी मम्मा को बुला दो .इसलिए आपको तकलीफ दी .लेकिन अब खुश लग रही थी . "
निधि की मम्मी तारा दोनों बहिनों के स्नेह को देखकर मंत्रमुग्ध थी। उसने टीचर को बताया कि ,"विधि ने सोचा कि उनकी भी फीस जमा नहीं हुई है। फीस जमा नहीं हुई तो उसकी निधि दी एग्जाम नहीं दे पाएगी।अपनी दी के प्रति फिक्रमंद होने के कारण वह रो रही थी ."
टीचर ने भी कहा ,"हे भगवान् . विधि ने तो हैं सबको डरा ही दिया था .अपनी निधि दी की इन्हे इतनी फ़िक्र है .अच्छा है . इनका आपसी स्नेह सदा ऐसा ही बना रहे। "
आज भी निधि की मम्मी तारा यह वाकया सुनाते -सुनाते बहुत खुश हो जाती है और हमेशा एक ही बात कहती है कि ,"बच्चों आपस में ऐसे ही हिल -मिलकर रहना। एक दूसरे की परवाह करना। "