गुॅंजन कमल

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गुॅंजन कमल

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धन्यवाद! देश के वीर

धन्यवाद! देश के वीर

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' हमारी भारत माता ने हमारे देश का मान बढ़ाने वाले अनेकों वीर दिए हैं और यें भारतीय वीर अपने देश पर तन - मन और धन से अपने आप को न्योछावर करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं । हमारे देश का प्रत्येक नागरिक एक ऐसा वीर है जिसमें शौर्य के साथ - साथ त्याग और कोमलता जैसे गुणों का समावेश होता है । जब पूरी दुनियां में कोरोनावायरस के कारण हाहाकार मच रखा था उस समय हमारा देश भारत भी तो इसकी चपेट में आ गया था । हमारा देश भी तो एक परिवार की तरह ही है जैसे एक परिवार में किसी एक पर कोई भी मुश्किल आती है तो पूरा परिवार मिलकर उस मुश्किल ... उस परेशानी ... उस समस्या को अपने - अपने स्तर पर एकजुट होकर दूर करने में जुट जाता है वैसे ही जब देश पर कोविड - १९ के रूप में संकट के बादल छाए और उन बादलों ने काली घटा बनकर जोरदार बारिश बरसाई । यह वैसी बारिश थी जिसके बहाव  में सब कुछ बह जाता अगर हमारे देश के वीर सपूतों ने इस मुश्किल घड़ी में एक - दूसरे का साथ ना दिया होता । इन भारत माॅं के वीर सपूतों को कोरोना योद्धा का नाम दिया गया ।  कोरोना योद्धा सभी डॉक्टरों ..... स्वास्थ्यकर्मियों ...पुलिस अधिकारियों ....स्वच्छता कार्यकर्ताओं और उन सभी को कहा जाता हैं जो किसी न किसी रूप में कोरोना वायरस के खिलाफ शुरू हुई लड़ाई में शामिल रहे हैं । जब देश में इस महामारी ने तबाही मचा रखी थी उस समय इन कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान की परवाह ना करते हुए इस महामारी से पीड़ित ऐसे योद्धाओं के साथ जो इन मुश्किल घड़ी में इस महामारी से अपने जीवन के लिए लड़ रहे थे ... संघर्ष कर रहे थे के साथ कदम - से - कदम मिला कर चल रहें थे । वैसे तो कोरोना योद्धाओं के अभूतपूर्व योगदान को हमारा पूरा देश जानता और मानता है लेकिन मैं सुंदर भारत माॅं का एक ऐसा बेटा जिसने

इन्हीं कोरोना योद्धाओं की वजह से अपनी माॅं को अपने आप से हमेशा के लिए दूर जाने से रोक पाया ।

इन्होंने उस मुश्किल घड़ी में मेरा बहुत साथ दिया । उस वक्त जब मेरी हिम्मत जवाब दे रही थी ... चारों तरफ मुझे चीख-पुकार और स्वयं के साथ - साथ लोगों की ऑंखों में ना खत्म होने वाली वेदना दिखाई दे रहे थी उस मुश्किल वक्त में इन्होंने मुझे सबल बनाने के साथ-साथ मेरे जीवन में आशा की किरणों का संचार भी किया । इनका ऋण मुझ पर जीवनपर्यंत रहेगा क्योंकि इन्होंने जो मुझ पर उपकार किया है मैं उनके लिए कुछ भी कर लूं उसका ऋण मैं कभी भी चुका नहीं पाऊंगा । उन्होंने मुझ पर तो उपकार किया ही है साथ ही हमारे देश के मेरे जैसे अनेकों बेटे - बेटियों को अनाथ होने से बचाया भी है ।  कितने ही परिवारों के मसीहा बने है यें हमारे देश के वीर इसलिए मैं हमारे देश के सभी कोरोना योद्धाओं के लिए एक धन्यवाद पत्र भारत सरकार को लिखा हैं जो अभी मैं तुम लोगों को पढ़कर सुनाना चाहता हूॅं । उसे ध्यान से सुनना ।' सुंदर ने अपने साथ खड़े चार दोस्तों से कहा और अपने शर्ट की जेब में रखें कागज के पन्ने को लिफाफे से निकालकर पढ़ना शुरू कर दिया :-

सेवा में

    स्वास्थ  सचिव

    भारत सरकार

      नई दिल्ली

बिषय :- धन्यवाद पत्र

 मान्यवर ,

      इस धन्यवाद पत्र के माध्यम से मैं अधोहस्ताक्षरी

स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े सभी कोरोना वोरियर्स जैसे कि डाॅक्टर , नर्सिंग स्टाफ , ग्राउंड स्टाफ इत्यादि के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहती हूॅं जिन्होंने कोरोना काल के बेहद मुश्किल घड़ी में मानवता की सेवा के लिए अपना सर्वोत्तम योगदान दिया ।

                         दुनिया भर में डाॅक्टर को इस पृथ्वी पर भगवान का रूप माना जाता हैं । विगत कुछ वर्षों में डाॅक्टरी एक सेवाभाव न होकर एक पेशा बन गया

था जिस कारण डाॅक्टरों के प्रति आमलोगों के मन में गलत धारणाओं ने घर कर लिया था किन्तु कोरोना काल में जिस प्रकार डाॅक्टर , नर्सिंग स्टाफ आदि ने जो अपनी तरफ से सेवाभाव दिखाई उससे पृथ्वी पर डाॅक्टर के रूप में भगवान की उपस्थिति की भावना फिर से लोगों के मन में होने लगी और मैं भी इसी भावना से प्रेरित होकर यह धन्यवाद पत्र प्रेषित कर रही हूॅं चूॅंकि धन्यवाद देने के लिए शारीरिक रूप से सभी स्वास्थ कर्मियों के पास मेरा जाना संभव नहीं है । अतः इस धन्यवाद पत्र के माध्यम से मैं भी अपनी भावना जाहिर करना चाहती हूॅं उन डाॅक्टरों , नर्सों के प्रति जिन्होंने अपना तथा अपने परिवार की चिंता किए बगैर बीमार की सेवा में दिन - रात एक कर दिया । धन्यवाद उनका जो इस मुश्किल घड़ी में देवदूत की तरह पी. पी. ई. किट पहन कर अपने स्वास्थ्य की चिंता किए बगैर सेवा में लगे रहें ।

                   कोटि-कोटि नमन उन चिकित्सा कर्मियों का जो सेवा करते - करते खुद बीमार हो गए । नमन है उन कर्मियों का जिन्होंने दूसरों की सेवा करते हुए अपने प्राण तक गंवा दिए । मेरी ओर से उन्हें बारम्बार श्रद्धांजली । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें ।

धन्यवाद उन सभी ग्राउंड स्टाफ का भी जों अपनी परवाह किए बगैर साफ - सफाई में लगे रहे । धन्यवाद उनका भी जिन्होंने इसके बचाव के लिए हमें लगातार आगाह किया और अभी तक करते आ रहे हैं । विशेष धन्यवाद उनका भी जिन्होंने इतनी जल्दी वैक्सीन बनाई जिस कारण आज हम इस महामारी से लड़ने में सक्षम हैं । आज पूरा विश्व भारत के प्रति आभार व्यक्त कर रहा है तथा आशा भरी निगाह से देख रहा हैं कि भारत ही इस मुश्किल घड़ी में मददगार साबित हो सकता है ।

      इन सब के साथ - साथ मैं भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय का भी आभार व्यक्त करना चाहती हूॅं जिन्होंने इस महामारी से मुकाबला करने में अपनी तत्परता दिखाई तथा समय रहते प्रभावी कदम उठाया तथा जरूरी सामानों की आपूर्ति सुनिश्चित की ।

                                  आप से पुनः एक बार आग्रह है कि मेरी यह भावना आप अपने माध्यम से सभी चिकित्सा कर्मियों तक पहुॅंचाने का श्रम करें ताकि उनका हौंसला अफजाई हों सकें तथा उन्हें शक्ति एवं प्रेरणा मिलती रहें ।

                                                  धन्यवाद

सुंदर कुमार सिंह

१०/१२/२०२०

' अरे वाह भाई ! तुमने तो बहुत अच्छा धन्यवाद पत्र करोना योद्धाओं के लिए लिखा है । धन्यवाद पत्र में तुमने उन सभी हमारे देश के वीर नागरिकों को धन्यवाद दिया है जिन्होंने इस मुश्किल घड़ी में एक ढा़ल की तरह अपने देश के भाई - बहन और साथियों को बचाया है । अगर यें नहीं होते तो हम सब सोच भी नहीं सकते कि इस महामारी का परिणाम हमें किस - किस और रूप में भुगतना पड़ता । ऐसे में इनका धन्यवाद करना तो बनता है भाई । चलो ! अभी डाक घर चलते हैं और इस धन्यवाद पत्र को अपने गंतव्य की ओर रवाना कर देते हैं ताकि हमारे कोरोना योद्धाओं को भी तो पता चले की हम जैसे युवा उनके प्रति अपनी क्या सोच रखतें हैं ।' सुंदर के दोस्त अमर ने सुंदर के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा ।

सुंदर के साथ उसके चारों दोस्तों ने अपनी - अपनी बाइक स्टार्ट की और डाकघर की तरफ जाने वाली सड़क की ओर मुड़ गए ।

       


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