दादी की सीख
दादी की सीख
नन्ही परी की दादी जमीन पर बैठकर पुड़ियाँ बना रही थी तभी परी दादी के पास आकर बोली,"दादी-दादी मैं भी पूरी बनाऊंगी।" दादी ने दो आटे की लोई देकर उसे पूरी बनानी सिखायी और जब पूरी तलकर तैयार हो गई तो प्लेट में लेकर परी खुशी से अपने पापा की थाली में पुड़ियाँ परोसी पापा ने भी नन्ही परी के हाथ की पूरी बड़े चाव से खायी।इसी तरह छोटे-छोटे कामों में मदद करते-करते परी ने 15-16 की उम्र में ही घर का सारा काम सीख लिया।
1 दिन पड़ोस के गीता आंटी घर आये तो मम्मी ने परी को चाय बनाने का कहा तो गीता आंटी बोली," बेटी को अभी से घर के काम में लगा दिया क्या?" तभी दादी बोली,"1-2 काम में मदद करने से बहू को भी सहारा मिल जाता है। मेरी उम्र तो अब जवाब दे रही है। मेरा तो पोता भी काम में मदद कर देता है।"
आंटी,"घर के काम में मेरी बेटी तो बिल्कुल नहीं करती कह-कहकर थक गई।कॉलेज की पढ़ाई से ही फुर्सत नहीं है।"
दादी,"पढ़ाई तो हमारी परी और शिवम भी करते हैं पर पढ़ाई अपनी जगह है और काम अपनी जगह वैसे भी बहू के कितना काम हो जाता है अकेली क्या-क्या करेगी।बचपन में सिखाया हुआ ही काम आता है।"
गीता आंटी के चाय का कप आ गया था।चाय पीकर आंटी ने परी की चाय की खूब तारीफ करी और बोली,"परी बेटी,चाय बहुत अच्छी बनायी है।अपनी सहेली तनु को भी मेरी मदद करने का कहा करो।"
परी मुस्कुरा कर कमरे से बाहर चली गई।
थोड़े ही समय बाद करोना के कहर ने परी के घर में भी दस्तक दे दी। एक दिन मम्मी-पापा और दादी भी उसके चपेट में आए।परी और उसके भाई शिवम पर ही घर के काम की जिम्मेदारी आ गई। दोनों भाई-बहन ने मिलजुलकर खाना, नाश्ता,साफ-सफाई सारा काम किया।साथ ही दादाजी का भी ख्याल रखते।14 दिन का यह मुश्किल भरा समय भी उन्होंने बखूबी निभाया ।कॉराना के कारण बाहर से भी कोई मदद नहीं थी।
नेगेटिव आने के बाद दादी की उम्र भी अब जवाब दे रही थी। बिस्तर से भी उठा नहीं जा रहा था। ऐसे में बच्चे दादी की स्पंजिंग आदि भी कर देते थे। जिससे मुश्किल भरा दौर भी आसानी से गुजर रहा था। इन सब के लिए परी की माँ दादी को धन्यवाद कहती हैं," माता जी ,आज आपकी सीख के कारण दोनों बच्चों का सहारा है।वरना मैं अकेली क्या-क्या करती।"
दादी की आंखों में आंसू बहते हैं।बिन बोले ही गर्दन हिलाकर मुस्कुराती हुई आशीर्वाद का हाथ उठाती हैं।
इस कहानी के जरिए मैं यह कहना चाहती हूं कि बेटे-बेटी दोनों से ही घर के काम में भी मदद लेनी चाहिए ।जीवन में कभी भी मुश्किल भरी परिस्थिति हो तो ऐसे में उनका और आपका दोनों का जीवन आसान हो जाता है।