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Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational Others

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Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational Others

चैंग (चिढ़ाने वाला नाम)

चैंग (चिढ़ाने वाला नाम)

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 बच्चों एक विद्यालय में पच्चीस छात्र - छात्राओं की एक कक्षा थी। जैसा कि आप जानते ही हो सबके अपने - अपने नाम होते हैं परन्तु कुछ शैतानी / शरारती बच्चे कुछ बच्चों की चैंग ( चिढ़ाने वाला ) उपनाम रखकर अन्य साथियों को चिढ़ाया करते हैं अनुज, वैभव, सत्यम ये तीन दोस्त कक्षा में पढ़ने में होशियार थे उनके नाम से ही सारी कक्षा जानी जाती थी बाकी कक्षा के दोस्त उनसे द्ववे ( ईर्ष्या ) रखते व चिढ़ते थे। उन बाकी छात्रों ने अनुज को वोदा, वैभव को घुआ व सत्यम को लक्कड़ कहकर चिढ़ाना शुरू कर दिया तीनों मन ही मन कुढ़ते बाकी छात्र की शिकायत स्कूल स्टॉफ व घर - परिवार में भी की परन्तु कहीं कोई हल न निकला धीरे - धीरे तीनों का मन खिन्न उदास रहने लगा व पढ़ाई में उनकी रुचि जाती रही नतीजा ये हुआ कि तीनों उग्र होकर चिढ़ाने वाले साथियों से लड़ने लगे। परिणाम ये हुआ गाँव के अन्य विद्यार्थी बच्चे भी उनको कभी - कभार चिढ़ाने लगे। नतीजा ये हुआ कि उन बच्चों के नाम तो डूब ही गए उनको चैंग चिढ़ाने वाले नाम से ही सब जानने पुकारने लगे। नतीजा / परिणाम यह हुआ कि उन बच्चों का कैरियर चौपट हो गया उन तीनों बच्चों अनुज, वैभव, सत्यम के कैरियर चौपट जिम्मेदारी हम सभी की यानी मित्रों की, स्कूल स्टॉफ की, अन्य विद्यार्थी छात्रों की व गाँव के नासमझ लोगों की ही है यदि समय रहते इस बुराई का हल हो जाता तो किसी पर भी ये तोहमत ( आरोप ) न लगते। 


इस कहानी से हमें निम्न शिक्षायें मिलती हैं ( 1 ) किसी से जलने की अपेक्षा प्रतिस्पर्धा करो ।

( 2 ) कभी किसी को चिढ़ाना नहीं चाहिए ।

 ( 3 ) समय पर जिम्मेदार व्यक्ति को इसका हल निकालना चाहिए ।


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