STORYMIRROR

Dr. Madhukar Rao Larokar

Children Stories

3  

Dr. Madhukar Rao Larokar

Children Stories

बूढ़ा शेर

बूढ़ा शेर

2 mins
906

जंगल में एक शेर रहता था। उसकी उम्र हो चली थी। वृद्धावस्था के कारण, वह शिकार करने में असमर्थ था।


एकाएक उसे एक लोमड़ी आती नजर आयी। वह प्रसन्न हो गया कि चलो, शिकार उसके पास खुद चलकर आ रहा है। उसे अब भरपेट भोजन मिल जायेगा।


शेर चुपचाप लेटा रहा। लोमड़ी पहले तो शेर को देखकर डर गयी। उसने देखा कि, शेर में कोई हरकत नहीं हो रही है, तो उसने शेर से कहा, "है जंगल के राजा, क्या तुम जिंदा हो या मर गये हो। अगर कोई तकलीफ हो तो बताओ?"


शेर ने कराहते हुए कहा, "लोमड़ी बहन, मैं बीमार हूँ। कई दिनों से भूखा भी हूँ। मैं हिलडूल भी नहीं सकता।क्या तुम मेरे लिए, भोजन का प्रबंध कर सकती हो।"


लोमड़ी ने सोचा, बीमार की मदद करनी चाहिए। यह पुण्य का काम है। लोमड़ी ने कहा, "मैं थोड़ी देर में तुम्हारे लिए, भोजन लेकर आती हूँ।"


तो शेर ने लोमड़ी से कहा, "लोमड़ी बहन, मेरे शरीर में ढ़ेर सारी चीटिंया चढ़ गयी है और मुझे काट रही है। क्या तुम चीटिंयों को हटाकर, मेरी पीड़ा समाप्त कर सकती हो?"


लोमड़ी ने सोचा, बीमार की मदद करनी चाहिए क्योंकि इससे पुण्य मिलता है। वह शेर के नजदीक जाकर चीटिंया हटाने लगी। शेर ने लोमड़ी को पंजा मारकर घायल कर दिया।


शेर को लोमड़ी ने कातर नजरों से देखकर कहा, "तुमने मेरे साथ धोखा किया है। अब कोई जानवर एक दूसरे का विश्वास नहीं करेंगे। इसकी सजा तुम्हें भगवान अवश्य ही देंगे।”


Rate this content
Log in