बहरूपिया
बहरूपिया
बहुत सालों पुरानी बात है।जब मेरी उम्र लगभग 8 साल की थी। गर्मियों की छुट्टियां चल रही थी।उस समय हमारे गांव में हर साल गर्मियों में दो आदमी आते थे।वे एक महीना हमारे मे रह कर जाते थे।वे हमारे गांव में बहरूपिया का खेल दिखाते थे।वे हर रोज अलग अलग रूप धारण करके लोगों का मनोरंजन करते थे। परन्तु मुझे उनसे बहुत डर लगता था।एक बार जब वो हमारे घर के पास आये तो मैं छुप गयी क्योंकि मुझे बहुत डर लग रहा था।
परन्तु मुझे मेरी मम्मी ने धक्के से बहरूपिया दिखा दिया।
मैं इतनी डर गई की मुझे दो दिन बुखार नहीं उतरी।उसके बाद मैंने कभी उसे नहीं देखा। परन्तु आज तो ये सब बंद हो गया।गांव में अब वो रौनक मस्ती नहीं रही जो पहले थी।अब गांव में बहुरूपिया नहीं आते बहुत सालों से देखने को नहीं मिले।