STORYMIRROR

Kunda Shamkuwar

Others

1  

Kunda Shamkuwar

Others

भजन मंडली

भजन मंडली

2 mins
215

आज पूजा के लिए कही जाना हुआ।एक प्रोफेशनल के तौर मैं काम करती हुँ तो घर, ऑफिस या यूँ कह सकते है सामाजिक सर्कल को भी मैनेज करना होता है।हाँ, तो मैं कह रही थी कि मैं पूजा में गयी।वहाँ जाने पर देखा कि सब पुरुष बाहर ड्रॉइंग रूम में सोफे पर बैठ कर देश दुनिया की बातें कर रहे है।हम दो महिलाएँ साथ में गयी थीं तो हमें कहा गया कि पूजा अंदर चल रही है।

अंदर घर में भजन मंडली वाली महिलाएँ बड़े ही भक्ति भाव से भजन गा रही थीं।मैं उन सभी महिलाओं भजन सुनते हुए देखे जा रही थी।वे बड़ी जोश खरोश से अपने हाथ ढोलक और मंजीरे पर साथ साथ चम्मच से ढोलकी के ऊपर ताल के साथ बजा रही थी।पूरा माहौल एकदम भक्तिमय लग रहा था।

पूरे कार्यक्रम के समाप्ति के बाद घर आकर मैं सोचने लगी।कैसे समाज में महिलाऐं धार्मिकता में उलझकर रह गयी हैं।जैसे लगता है कि महिलाओं के ब्रेन की कंडीशनिंग की गयी हो।

ज़्यादातर महिलाएँ दुनिया के मसलों पर कोई राय या फिर अपना कोई पॉइंट ऑफ व्यू वग़ैरा कुछ रखती नही है।और अगर मेरे जैसी कोई राय या अपने विचार पेश करती हैं तो न जाने कितनों की भवें तन जाती हैं।महिलाओं का टीवी,फैशन या फिर अड़ोस पड़ोस और अपने परिवार की बातों के बारे में बोलना 'समाज' को सब कुछ 'ठीक' लगता है।


महिलाओं की दुनिया बस परिवार में ही सिमट कर रह जाती है।अपनी असली दुनिया को भुला कर भक्ति में लीन हो जाती है ठीक वैसे ही उन भजन मंडली में भजनों को गाने वाली महिलाओं की तरह.....


Rate this content
Log in