भारत देश का एक रहस्यमय गांव
भारत देश का एक रहस्यमय गांव


दुनिया अजब-गजब रहस्यों हैरत करने या अविश्वास, नासमझ में आने वाली बातों से भरी है।
आइए बात करते हैं मलाणा की जिसे हिमालय का ऐथंस कहा जाता है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का मलाणा गांव काफी रहस्यमय समेटे है। यहां की अनेक बातें अजीबोगरीब और दिलचस्प हैं। एक तो यह कि आप यहां कुछ भी छू नहीं सकते, क्यों, क्योंकि मलाणा निवासी अपने आप को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। कोई बाहरी व्यक्ति अगर उनके मंदिर, घर, यहां तक की दुकानों को भी छू ले तो वे उस पर एक हजार से दो हजार तक जुर्माना लगा देते हैं। यहां के निवासी भारत का संविधान भी नहीं मानते। इनके अपने सदन है और उसके अपने नियम-कानून हैं, जिनका ये कड़ी सख़्ती से पालन करते हैं। इनका मानना कि नियम तोड़ने से इनके देवता नाराज़ हो जाएंगे। जिससे पूरा गांव तबाह हो जाएगा।
गांव वाले जमलू ऋषि की पूजा करते हैं। इस गांव के इतिहास के मुताबिक जमलू ऋषि ने ही
इस गांव के नियम-कानून बनाए थे। इस गांव का लोकतंत्र दुनिया के सबसे प्राचीन लोकतंत्र में से एक है। ऐसा माना जाता है कि जमलू ऋषि को आर्यों से भी पहले से पूजा जाता रहा है। उनका उल्लेख पुराणों में भी आता है।
यहां के लोग खुद को आर्यों का वंशज मानते हैं, लेकिन एक अन्य परंपरा के अनुसार, वे खुद को सिंकदर का वंशज मानते है। गांव वालों के मुताबिक जब सिंकदर ने भारत पर आक्रमण किया तो उसके कुछ सैनिकों ने सेना छोड़ दी और यहां आकर बस गए।
यहां साल में एक बार ‘फागली’ उत्सव मनाया जाता है। जिसमें ये लोग मुगल सम्राट अकबर की पूजा करते हैं। यहां आनेवाले पर्यटकों को गांव में रूकने की मनाही है। वे गांव के बाहर टेंट में रह सकते हैं। यहां की भाषा भी कुछ अलग है। यहां की बोली में ग्रीक, संस्कृत और तिब्बत की कई बोलियों का मिश्रण मिलता है।
जो आस-पास की किसी भी बोली-भाषा से मेल नहीं खाती है।