STORYMIRROR

Sushil Pandey

Others

3  

Sushil Pandey

Others

और कोई मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकता

और कोई मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकता

2 mins
631

आपके एंटी रोमियो स्क्वाड के दौरान पुलिस ने इतना आतंक फैलाया कि अपनी बहन के साथ भी जाते हुए अगर पुलिस रोकती है तो भागना पड़ता था आपके उत्तर प्रदेश में ,क्योंकि यहां की पुलिस को बलात्कारी सांसद और विधायको से ही संयमित भाषा के उपयोग की अनुमति दी है आपने शायद।


फिर एक महिला के साथ होने पर वो भी रात मे पुलिस द्वारा गाड़ी रोकने पर क्यों न भागेगा कोई जबकि सब जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की पुलिस कभी भी किसी को भी गोली मार देती है आतंक को ख़तम करने के नाम पर।आपने वादा किया था उत्तर प्रदेश को प्रदेश में तब्दील कर देंगे पर उत्तर प्रदेश बनाना तो दूर उत्तर प्रदेश को बद्द्तर प्रदेश बना कर छोड़ दिया।


कैसी मानसिकता का बीज बो दिया है आपने पुलिसिया खेतों मे? ये कैसी फसलें निकलने लगीं? हमारे पूर्वजों ने तो जानवरो पर भी अत्याचार करनेवालों को नकारा है और उत्तर प्रदेश पुलिस ने कीड़े-मकोड़े की तरह इंसानो को मारना शुरू कर दिया अपराध को जड़ से समाप्त करने के नाम पर।


सोचिए अहंकार कितना ? कि पुलिस के रोकने पर कोई रूका नहीं तो बौखलाहट इतनी कि उसको मौत की सजा सुना दी मौके पर ही। फिर तो अदालतों की आवश्यकता ही नहीं रही उत्तर प्रदेश मे।


आपके उस संगठित इकाई के सदस्य ने ये सोचने की भी जहमत नहीं उठाई की ये वो धरती है जहाँ जानवरों को भी मारने पर जेल की हवा खानी पड़ जाती है पर इस बात से वो पूरी तरह से निश्चिन्त था कि मैं उत्तर प्रदेश पुलिस में हूँ और कोई मेरा कुछ नहीं उखाड़ सकता,


तो श्रीमान कम से कम इतना बेलगाम मत छोड़ दीजिये अपने गुर्गों को कि इंसानों को भी वो कीड़ो मकोड़ों की तरह कुचलने लगें।


क्या बीत रही होगी उसकी पत्नी के साथ जिसके मासूम पति को आपके बहादुर जवानो ने गोली मार दी?

क्या बीत रही होगी उस विधवा माँ पर जिसके आँखों का तारा था वो?

क्या होगा उस बच्ची का जब उसे पता चलेगा की उसके पापा अब कभी नहीं आएंगे?

उसे तो आज भी लग रहा है की उसके पापा आइसक्रीम लेकर आएंगे और मुझे शर्म तो तब आयी जब आप ने निपटारा करने के लिए २५ लाख पत्नी के नाम पर, ५-५ बेटियों के नाम पर और ५ लाख माँ के नाम पर हर्जाना स्वरुप देने कि घोषणा कर दी और एक सरकारी नौकरी कि पेशकश भी कर दी आपने सिर्फ मिडिया के बवाल से बचने के नाम पर।





Rate this content
Log in