आपका परिवार आपकी हार्टबीट

आपका परिवार आपकी हार्टबीट

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आपके दिन की शुरूआत आपके परिवार से शुरू, परिवार पर खत्म। शादी से पहले घर की खुशहाली की कामना करते हैं। शादी के बाद ससुराल भी आपके घर का एक और हिस्सा बन जाता है। उसकी भी चिंता होती है। कुछ भी परेशानी हो आप की ही परेशानी बन जाती जाती है। आप तब ख़ुश होते जब,सब खुश हो तभी जीवन अच्छे से व्यतीत होता है।

आपके माता-पिता, भाई बहन दूर रहते हैं। पर आपसे मन से जुड़े होते हैं। आपकी भाई बहन से नाराज़गी भी हो, तब भी उनकी परेशानी, आपको चिन्ता में डाल देती है। ये ही दिल से दिल का रिश्ता होता है। आपके आस पास परिवार हो तभी आप को त्यौहार मनाने अच्छे लगते हैं। नहीं तो दूर होने पर भी रिश्तों में कमी अनुभव करते हैं, काश सब होते।

भले ही आजकल रिश्तों में दूरी हो गई है। जल्दी मिलना नहीं होता। पुराने समय जैसे रिश्तों का अपनापन नहीं रहा। पर फिर भी फोन, सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं सब। कहीं दूर भी हो तब भी उनकी जिंदगी में क्या चल रहा है? बच्चे कितने बड़े हो गए ? सबको पता होता है।

बहुत दोस्त बनते हैं पर भाई बहन, माता पिता की जगह कोई नहीं ले सकता।

दोस्त नाराज़ हो जाते हैं तो नये दोस्त बनने पर भूल जाते हैं। पर अपना परिवार कितना भी नाराज़ हो या आप नाराज़ हो। पर कभी  एक दूसरे को नहीं भूल सकते। माफ़ी मांगती झुकी नज़रें या एक मुस्कुराहट सबकुछ पहले जैसा कर देती है। हम सब गलतफहमियों को भूला देते हैं। परिवार ही सब कुछ होता है आपका।

कौन सा परिवार, मायका जहाँ शादी से पहले या ससुराल या शादी के बाद जहाँ आप पति और बच्चों के साथ हो ...या शायद तीनों ही आपकी जिन्दगी का अनमोल हिस्सा है...इन तीनों परिवार के बिना सोचे आपका दिन नहीं बीतता, हाँ अगर ससुराल में आपका रिश्ता अगर प्यार भरा है तो तीनों एक जैसे, ये तीनों ही आपकी जिन्दगी का अहम हिस्सा है...इन में से किसी को भी कोई परेशानी आए तब आप के दिल पर इसका असर ज़रूर होगा...इसलिए हुआ ना परिवार आपकी हार्ट बीट


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